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Monday 29 October 2012

देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त

देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त







शिक्षा का अधिकार
देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त (फाइल फोटो)
शिक्षा का अधिकार कानून बेहतर ढ़ंग से कैसे माना जाए जब देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद खाली हैं. 
शिक्षकों की भारी कमी छह से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार कानून में अहम बाधा बनी हुई है.
   
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ‘देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षकों के 50,68,766 मंजूर पद हैं जबकि अभी भी 11,28915 पद खाली हैं.’
   
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के 3,09,910 पद, बिहार में 2,60,842, पश्चिम बंगाल में 1,17,442 और मध्यप्रदेश में 92,301 पद रिक्त हैं.
महाराष्ट्र में शिक्षकों के 32,746 पद, झारखंड में 47,700 पद, राजस्थान में 50 हजार पद और ओडिशा में 31,202 पद रिक्त हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, देश के कुल 10,68,435 स्कूलों में 94.26 प्रतिशत (10,07,104 स्कूलों) में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था है. हालांकि 2,44,249 स्कूलों (22.88 प्रतिशत) में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
 

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) को अधिसूचित कर दिया है. 24 

राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया जा चुका है, जबकि सभी राज्यों ने आकादमिक प्राधिकार को
अधिसूचित कर दिया है.’
   
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने एवं शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रयास हो रहे हैं. ‘एक नवंबर को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की
बैठक में इस विषय पर राज्यों एवं शिक्षा के अन्य पक्षों के साथ व्यापक चर्चा होगी.’

अधिकारी ने कहा कि आरटीई की धारा 25 (1) के तहत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 

आयोजित की है जबकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने तीन बार सीटीईटी परीक्षा ली है.

आरटीई की धारा 23 (2) के तहत, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ, पश्चिम बंगाल और असम को शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा है. 


मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश के विभिन्न क्षेत्रों में अभी 8.6 लाख अप्रशिक्षित शिक्षक हैं. इसमें पश्चिम बंगाल में 1.97 लाख, बिहार में 1.86 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.43 लाख, झारखंड में 77 हजार, छत्तीसगढ़ में 48 हजार, ओडिशा में 40 हजार, जम्मू कश्मीर में 31 हजार, असम में 16 हजार, मेघालय में 14 हजार, त्रिपुरा में 10 हजार, अरूणाचल प्रदेश में नौ हजार अप्रशिक्षित शिक्षक हैं. 


रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नगालैण्ड, ओडिशा, उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश ने पाठ्यक्रम नवीनीकरण के कार्य को पूरा कर लिया है जबकि आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, त्रिपुरा, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल में अभी प्रक्रिया जारी है.
 


Source - Samay Live
28-10-2012

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