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Thursday 15 November 2012

UPTET / Allahabad Highcourt : Rules/ Instruction on 12th June 2012


UPTET / Allahabad Highcourt : Rules/ Instruction on 12th 

June 2012 

इलाहाबाद में महकमा के उच्च न्यायालय, लखनऊ पीठ

कोर्ट सं - 26

प्रकरण: सेवा एकल नंबर - 4454 2012

याचिकाकर्ता: - किमी. Pankshi सिंह
प्रतिवादी: उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव के माध्यम से. बेसिक शिक्षा. LKO. व अन्य.
याचिकाकर्ता वकील: - अनुराग श्रीवास्तव
प्रतिवादी वकील: C.S.C., गौस बेग

माननीय अजय लांबा, जे.
1. जारी करने के लिए इस याचिका की प्रार्थना करती है certiorari अभिखण्डन impugned 2012/06/12, अनुबंध-3, दिनांक आदेश की प्रकृति में एक रिट अब तक यह प्रतिकूल याचिकाकर्ता को प्रभावित करेगा. जारी करने के लिए याचिका आगे प्रार्थना करता है एक उत्तरदाताओं कमांडिंग परमादेश impugned आदेश, अनुबंध-3, सचिव, बेसिक शिक्षा बोर्ड द्वारा सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी किए गए के अनुसरण में किसी भी आगे की कार्रवाई नहीं की प्रकृति में रिट राज्य.
2. प्रतिवादी राज्य के लिए सीखा के वकील ने कहा है कि अनुबंध-2 क्रम केवल एक कारण बताओ उत्तर प्रदेश में निहित प्रावधानों के दृश्य में याचिकाकर्ता के लिए नोटिस दिया है बच्चों की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के नियम, 2011 के लिए सही है. हालांकि याचिकाकर्ता सहायक शिक्षक के रूप में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति दी गई थी, लेकिन, वह ने कहा कि नियमों के तहत पात्र नहीं था शिक्षक पात्रता परीक्षा (कम 'टीईटी' के लिए) पूरा नहीं हुआ.
3. याचिकाकर्ता के लिए सीखा वकील तथ्य यह है कि याचिकाकर्ता प्रशिक्षण नहीं प्राप्त किया था विवाद करने में सक्षम नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता के लिए सीखा वकील, तथापि, कहा गया है कि याचिकाकर्ता किसी भी तथ्य को मिथ्या अर्थ लेना नहीं था और उत्तरदाताओं पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने के समय में किसी भी धोखाधड़ी नहीं खेल पाए थे. ऐसी परिस्थितियों में, कारण बताओ नोटिस 2012/09/07 (अनुबंध-2) दिनांक अवैध है.
4. मैं याचिकाकर्ता लिए वकील सीखा सुना है और श्री गौस बेग, प्रतिवादी nos.4 के लिए 6 से प्रदर्शित होने के वकील सीखा.
5. कोई कानूनी दुर्बलता 2012/12/06 को इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए निर्देश में पता लगाया जा सकता है कि निर्देश उत्तर प्रदेश के मामले में जारी किया गया है बच्चों की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के नियम, 2011 के लिए सही है. नियम को चुनौती दी गई नहीं है.
6. उस संबंध में याचिका इसके द्वारा खारिज कर दिया है.
7. अनुबंध-2 के लिए चुनौती के संबंध में, इस अदालत की राय है कि मामले में समय से पहले इस कदर है अनुबंध-2 के रूप में केवल एक याचिकाकर्ता के लिए कारण बताओ नोटिस जारी की है. याचिका संकेत नहीं है कि किसी भी अंतिम आदेश पारित किया गया है. याचिकाकर्ता जो वह पहले से ही जवाब दिया गया है को सुनवाई करने का एक अवसर दिया गया है.
8. ऊपर के दृश्य में, याचिका समयपूर्व रूप में इस याचिका में उठाए गए सभी मुद्दों को उठाने के लिए स्वतंत्रता के साथ खारिज कर दिया है.
आदेश दिनांक: - 27.8.2012/A.Nigam

स्रोत: http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2048607

UPTET/ Allahabad Highcourt : No Relaxation Beyond 5% i.e Minimum Pass Marks is 55%


प्रलय / प्रकरण विवरण देखें -


इलाहाबाद में न्यायपालिका के उच्च न्यायालय

कोर्ट नहीं 30

सिविल विविध. रिट 2012 की याचिका 48371 सं.

बृज मोहन यादव और दूसरों

बनाम

उत्तर प्रदेश के राज्य और दूसरों

माननीय V.K.Shukla, जम्मू
याचिकाकर्ताओं इस न्यायालय के लिए रवाना किया है उसमें contending कि उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता टेस्ट परीक्षा 2012 न्यूनतम अर्हक अंक के लिए प्रदान की गई है. यह उल्लेख किया गया है UPTET 2012 परीक्षा में याचिकाकर्ताओं दिखाई दिया है, और न्यूनतम अर्हक अंक के रूप में प्रदान की गई है कि 60 हासिल करने वाले उम्मीदवारों और ऊपर के निशान UPTET प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा और याचिकाकर्ताओं के लिए एक ही के अधिग्रहण में विफल रहा है. विज्ञापन में प्रदान किया गया है कि योग्यता UPTET भर्ती / रोजगार के लिए किसी भी व्यक्ति पर एक सही नहीं प्रदान के रूप में यह केवल नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंड में से एक है और यह केवल नियुक्ति के लिए पात्रता मानदंड में से एक है. 5% छूट के निशान के अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / / एम ओ बी सी पीडब्ल्यूडी (विकलांग) (पीएच) के उम्मीदवारों पर सम्मानित किया गया है.
याचिकाकर्ता के प्रत्येक एक परीक्षा शुरू किया था और खुद के लिए जगह बनाने में असफल रहा था. इस मोड़ पर याचिकाकर्ताओं इस कोर्ट के लिए रवाना किया है. याचिकाकर्ता नग 1 और 2 पिछड़ा वर्ग और याचिकाकर्ता नहीं के अंतर्गत आता है. 3 सामान्य जाति के अंतर्गत आता है और विकलांग और याचिकाकर्ता नहीं. 4 अनुसूचित जाति है और सभी याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वे उम्मीदवार के निशान जिसका आराम से किया जा सकता है की श्रेणी में आते हैं.
याचिकाकर्ताओं contending रहे हैं कि राज्य सरकार 5% छूट के निशान के लिए प्रदान की गई है, जबकि RTET 2012 में राजस्थान सरकार अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / एम ओ बी सी / पुरुष वर्ग के अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य महिला के लिए 10% छूट अंक दिया गया है. पुरुष और जनरल महिला, विधवा और तलाकशुदा महिला के अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / एम ओ बी सी के लिए 15% अंक. इसके अलावा यह उल्लेख किया गया है कि छूट उत्तरांचल सरकार द्वारा किया गया है भी प्रदान की है. याचिकाकर्ता सबमिट कि यह बहुत अधिक छूट के दृश्य में याचिकाकर्ता को भी दी जानी चाहिए.
प्रत्येक राज्य को अपने फ्रेम नियम ही अधिकार मिल गया है और अगर अंकों की छूट के संबंध में नीतिगत निर्णय के अनुसार राज्य सरकार का विस्तार करने के लिए 5% तक सीमित लाभ ले लिया है तो याचिकाकर्ताओं जो खुद के लिए परीक्षा उपक्रम के बाद जगह बनाने में नाकाम रहे हैं के रूप में जोर नहीं कर सकते हैं सही बात है कि छूट के रूप में इसी तरह लाइन पर राजस्थान सरकार और अन्य राज्यों के समान लाभ उन्हें भी बढ़ाया जा द्वारा दी गई है.
सामाजिक स्थिति को राज्य से दूसरे राज्य में भिन्नता है, देखने में यह नीति निर्णय लिया गलती नहीं किया जा सकता है और के रूप में ऐसी कोई परमादेश रिट एक विशेष दिशा में नीति तैयार करने के लिए जारी किया जा सकता है.
इस वर्तमान रिट याचिका के ध्यान में रखते हुए खारिज कर दिया है.
2012/09/20 दिनांक



हाईकोर्ट ने सभी रिट जो की SC / ST OBC MOBC PH और JANRAL ने अलग अलग रिट की थी के टेट मे 50 % रिजल्ट वाले को भी टेट पास की जाय ऐसी रिट को एलाहाबाद हाईकोर्ट ने 20 -9 - 2012 को रदद कर दिया कोर्ट ने कहा अलग अलग राज्य की अलग 2 परिस्थियाँ है 

ध्रुव


स्रोत: http://elegalix.allahabadhighcourt.in/elegalix/WebShowJudgment.do?judgmentID=2102325

Wish U ALL Happy Dipawali

ज्योति और प्रकाश पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें 

Saturday 10 November 2012

UPTET - यूपी: टीईटी पास बीएड डिग्री धारक सीधे बनेंगे शिक्षक


UPTET - यूपी: टीईटी पास बीएड डिग्री धारक सीधे बनेंगे शिक्षक


सूबे में 72825 शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को भेज दिया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया गया है। 

अब इसे कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी है। राज्य सरकार चाहती है कि नियमावली को यथा शीघ्र संशोधित कर दिसंबर अंत तक प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू कर दी जाए

शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी राज्यों को टीईटी पास बीएड डिग्री धारकों को प्राइमरी स्कूलों में सीधे सहायक अध्यापक पद पर रखने की अनुमति दी थी। यूपी में 31 मार्च 2014 तक टीईटी पास डिग्री धारकों को प्राइमरी स्कूलों में सीधे सहायक अध्यापक के पद पर रखने जाने की योजना है।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पूर्व में तय किया था कि टीईटी पास बीएड डिग्री धारकों छह माह का विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर सहायक अध्यापक नियुक्ति किया जाएगा लेकिन एक नवंबर को बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोबिंद चौधरी ने शिक्षा अधिकारियों की बैठक में यह तय किया था कि बीएड पास अभ्यर्थियों को विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग न देकर सीधे टीईटी पास बीएड डिग्री धारकों प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक के पद नियुक्ति दी जाएगी।

इसके आधार पर बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांगा गया था। इसमें शिक्षकों का चयन जिलेवार मेरिट के आधार पर किया जाएगा। मेरिट हाई स्कूल, इंटर, स्नातक और बीएड के आधार पर बनाई जाएगी। आवेदन जिलेवार ऑनलाइन लिए जाएंगे।

आवेदन के लिए अभ्यर्थियों को ऐच्छिक छूट होगी। प्रशिक्षु शिक्षकों को सेवाकाल के दौरान छह महीने की ट्रेनिंग प्राप्त करनी होगी। इस अवधि में उन्हें 7300 रुपये निर्धारित मानदेय दिया जाएगा और ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सहायक अध्यापक वेतनमान दिया जाएगा


News Source : Amar Ujala (8.11.12)

UP Govt. Going To Recruit 90000 Primary Teachers


Source - Some candidates posted info on Facebook Wall 
(http://www.facebook.com/uptet.prt.9 )



UPTET : भर्ती में फिर फंसा पेंच न्याय विभाग ने कहा एनसीटीई से लें स्वीकृति


UPTET : Urdu Teacher भर्ती में फिर फंसा पेंच न्याय विभाग ने कहा एनसीटीई से लें स्वीकृति

उर्दू सहायक शिक्षकों की भर्ती का मामला
बेसिक शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से मांगी थी राय


उर्दू शिक्षकों की भर्ती में फिर फंसा पेंच
न्याय विभाग ने कहा एनसीटीई से लें स्वीकृति

लखनऊ।
प्राइमरी स्कूलों में मोअल्लिम डिग्री धारक 3480 उर्दू शिक्षकों की भर्ती में एक बार फिर पेंच फंस गया है। मोअल्लिम डिग्री धारक अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में सीधे सहायक शिक्षक बनाने को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से राय मांगी थी। लेकिन न्याय विभाग ने इस मामले में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से स्वीकृति लेने का सुझाव देते हुए फाइल विभाग को लौटा दिया है।
मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग करने वालों के लिए टीईटी की अनिवार्यता समाप्त कर छह माह की ट्रेनिंग के बाद सीधे उर्दू सहायक शिक्षक बनाने पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश में वर्ष 1994-95 में प्राइमरी स्कूलों में उर्दू के सहायक अध्यापक रखे गए थे। बेसिक शिक्षा विभाग ने मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लेमा इन उर्दू टीचिंग उपाधि को इसके लिए पात्र माना था। लेकिन बाद में इन उपाधियों को अपात्र मान लिया गया। इस संबंध में मोअल्लिम-ए-उर्दू वालों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया और सुनवाई के बाद फैसला उनके पक्ष में हुआ। राज्य सरकार ने इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल ही रही थी कि 29 जून 2011 को तत्कालीन मायावती सरकार ने एसएलपी वापस लेकर इन उपाधि धारकों को प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाने का निर्णय कर लिया। इसके लिए 1997 से पहले मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग करने वालों को पात्र माना गया। इसके आधार पर ही नवंबर 2011 में आयोजित टीईटी में इन्हें शामिल होने की अनुमति दी गई। पर मोअल्लिम-ए-उर्दू वाले टीईटी दिए बिना ही शिक्षक बनना चाहते थे। कुछ उपाधि धारक टीईटी में शामिल हुए लेकिन अधिकतर शामिल नहीं हुए। इन उपाधिधारकों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर टीईटी की अनिवार्यता समाप्त कर शिक्षक बनाने की मांग की। इसके बाद शासन ने सीधे मोअल्लिम-ए-उर्दू और डिप्लोमा इन उर्दू टीचिंग उपाधिधारकों को सहायक शिक्षक बनाने की कवायद में जुटा है।




http://epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20121109a_006163009&ileft=129&itop=357&zoomRatio=130&AN=20121109a_006163009

MPTET - एक लाख शिक्षक की भर्ती शीघ्र होगी : मुख्यमंत्री श्री चौहान


MPTET - एक लाख शिक्षक की भर्ती शीघ्र होगी : मुख्यमंत्री श्री चौहान





मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार देने के लिये एक लाख शिक्षक की भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी। श्री चौहान आज शिवपुरी जिले के नरवर में अंत्योदय मेले में उपस्थित जन समूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 17 हजार 647 लोगों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 19 करोड़ रुपये से अधिक के लाभपत्र वितरित किये। इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री कन्हैयालाल अग्रवाल उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध करवाने की दिशा में राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है। शासकीय सेवा में भर्ती के लिये अधिकतम आयु सीमा 5 वर्ष बढ़ा दी गई है जिसका लाभ शिक्षित बेरोजगारों को प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को विभिन्न व्यवसाय में प्रशिक्षित करने के लिये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के साथ-साथ कौशल उन्नयन केन्द्र भी शुरू किये गये हैं। यहाँ से प्रशिक्षित युवाओं को उद्योगों में आसानी से रोजगार मिल सकेगा। जो बेरोजगार स्वयं का धंधा शुरू करना चाहते हैं उन्हें शासन बैंक गारंटी की सुविधा देगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में इन्दौंर में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान जो करार किये गये हैं उनसे शिवपुरी जिले में 111 करोड़ की लागत से उद्योग धंधे स्थापित होंगे। उद्योगों में कम से कम 50प्रतिशत स्थानीय नौजवानों को रोजगार प्राप्त होगा। श्री चौहान ने कहा कि मुरैना से गुना तक एक नया इडस्ट्रीयल कॉरीडोर बनाया जायेगा।

श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाने के लिये दृढ़ता से प्रयास कर रही है। किसानों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण तथा धान और गेहूँ की खरीदी पर 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस की सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि गरीबों को आवासीय पट्टे उपलब्ध करवाये जायेंगे। साढे चार लाख वार्षिक आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को शिक्षा के लिये जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने सामाजिक विकास की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा करते हुये लोगों का आव्हान किया कि वे बेटा-बेटी में भेदभाव न करें।

मुख्यमंत्री ने नरवर को पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करने तथा वहाँ अगले सत्र से महाविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की। करेरा में अगले सत्र से विज्ञान संकाय की कक्षाएँ शुरू करने और बैराड़ को तहसील का दर्जा देने की भी उन्होंने घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 52 करोड़ 16 लाख से अधिक के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया। इस अवसर पर जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाई विकास प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही। मेला परिसर में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में लगभग 850 मरीजों का परीक्षण कर दवाएँ वितरित की गईं


News Source : http://www.vidhayakanews.com

Wednesday 7 November 2012

UP.RTE: शिक्षा का अधिकार कक्षा 10 तक लागू करने पर मुहर संभव


नई दिल्ली (एसएनबी)। राष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की बहुप्रतीक्षित बैठक में प्रस्तुत करने के लिए कुल 10 एजेंडा का मसौदा तैयार किया गया है। सभी एजेंडा शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव को लेकर हैं। इनमें प्रमुख रूप से शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) को बढ़ाकर कक्षा 10 तक लागू करने और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए आयोग के गठन संबंधी मुद्दे शामिल हैं। पूरी संभावना है कि बोर्ड की बैठक में इन मुद्दों पर स्वीकृति की मुहर लगा दी जाएगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केब की बैठक अब आठ नवम्बर को आहूत की है। यह बैठक पहले एक नवम्बर को होने वाली थी। लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में रद्दोबदल का असर मानव संसाधन मंत्रालय पर पड़ने के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। पूर्व निर्धारित बैठक के ठीक दो दिन पहले ही नए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने अपना कार्यभार ग्रहण किया था। मंत्री को इसे समझने के लिए वक्त चाहिए था। इसलिए बैठक को स्थगित कर दिया गया। मंगलवार को ही बैठक की नई तिथि आठ नवम्बर तय की गई। इस बैठक में शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव से संबंधित कुल दस एजेंडा विचार मंथन और स्वीकार करने के लिए रखे जाएंगे। पहला एजेंडा तो बीते जून माह में संपन्न केब की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुमोदन का है। दूसरा, शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) को बढ़ाकर कक्षा 10 तक लागू करने का है। माना जा रहा है कि केब सरकार के इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा देगी। कक्षा 10 तक की शिक्षा आरटीई के दायरे में आने से देश का कोई भी बच्चा पैसे के अभाव में कक्षा दस तक की पढ़ाई से वंचित नहीं रह पाएगा। अगर कहीं ऐसा मामला दिखा, तो वहां का शिक्षा अधिकारी इसके लिये जवाबदेह होगा। सूत्रों का कहना है कि आरटीई के दायरे में आने के बाद कक्षा दस की परीक्षा के परिणाम भी पास-फेल के रूप में नहीं बल्कि ग्रेडिंग के रूप में दिए जा सकते हैं। तीसरा प्रमुख एजेंडा बीस साल बाद बनाई जाने वाली देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए आयोग के गठन का है। इसके लिए एक नेशनल फ्रेमवर्क तैयार करने की मंजूरी बोर्ड में ली जाएगी। चौथा एजेंडा स्कूलों में की जा रही ‘अनफेयर प्रैक्टिस’
पर कारगर रोक लगाने का है। मंत्रालय को शिकायतें मिली हैं कि देश के नामचीन और बहुत सारे निजी स्कूल शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आरक्षित सीटों पर प्रवेश देने में धांधली कर रहे हैं। यहां तक कि साक्षात्कार के दौरान भी उन्हें नम्बर देने में भेदभाव किया जा रहा है। इसे रोकने के लिए ही इस मुद्दे को केब की बैठक में लाया जा रहा है। केब की बैठक का पांचवा एजेंडा यूनिवर्सिटी रिफार्म्स का है।
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बो र्ड (केब) की बैठक आठ को बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए आयोग गठन पर भी विचार होगा

UPTET : Information about UPTET 2011 from Facebook Wall


UPTET : Information about UPTET 2011 from Facebook Wall


Source >> DPuneet Kumar >>>Teacher's Helpdesk
Dileep Gangwar
Sameer Dixit ▶ Legal committee of Tet merit supporters
List Of TET Marks Got By Students
135-140 = 34
130-134 = 168
127-130 = 342
125-127 = 1074
120-124 = 3750
115-119 = 5000
110-114 = 6240
105-109 = 7900
100-104 = 8800
95-99 = 22000
90-94 = 47500
83-89 =168850
total = 271658

I am Not Sure About This News But Got This From The Hindustan News Paper Of Meerut Edition Of March 2012

Again i am saying i am not sure about the authenticity of this News
Thanks.


DPuneet Kumar I think you require this cutting or new paper information so I am sending this page on this group
about a minute ago 
Posted by Praveen etw

RTE : आरटीई के अमल की समीक्षा करेगा केंद्र


RTE : आरटीई के अमल की समीक्षा करेगा केंद्र


 नई दिल्ली दो दशक बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जरूरत महसूस कर रही सरकार जरूरी सुधारों की रफ्तार धीमी नहीं होने देना चाहती। लिहाजा, सरकार ने छह से चौदह साल तक के बच्चों की मुफ्त व अनिवार्य पढ़ाई के लिए बने शिक्षा का अधिकार कानून पर अमल की समीक्षा का फैसला किया है। इरादा, उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क (रूपरेखा) भी तय करने की है। केंद्र इन मसलों पर राज्यों के साथ मशविरा करने के साथ ही स्कूलों में धोखाधड़ी और वसूली रोकने एवं सजा के लिए नये कानून पर भी राज्यों की रजामंदी हासिल करने का प्रयास करेगा। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) में स्कूलों में प्रशिक्षित और योग्य शिक्षकों का प्रावधान किया गया है, लेकिन कानून के अमल को पौने तीन साल बीतने के बाद भी लगभग 8.6 लाख अप्रशिक्षित शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के मापदंड पर खरे नहीं उतरते। सबसे खराब स्थिति पश्चिम बंगाल की है, जहां 1.97 लाख अप्रशिक्षित हैं। बिहार में 1.86 लाख, उत्तर प्रदेश 1.43 लाख, झारखंड में 77 हजार व जम्मू-कश्मीर में 31 हजार अप्रशिक्षित शिक्षक हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार को आरटीई के अमल पर समीक्षा की जरूरत महसूस हुई। मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद शिक्षा (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) की नई टीम कई मुद्दों पर फैसले के लिए केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (कैब) से भी मशविरा करने जा रही है। एजेंडे पर स्कूलों में छात्रों और अभिभावकों से झूठे वादे, दाखिले को लेकर टालमटोल, अवैध वसूली, ज्यादा फीस, भ्रामक विवरणिका जैसे गलत क्रियाकलापों को रोकने के लिए प्रभावी कानून बनाने की बात शामिल है। चूंकि, राज्यों के शिक्षा मंत्री केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य होते हैं और यही शिक्षा से जुड़े फैसलों का सबसे शीर्ष निकाय है। ऐसे में सहमति बनी तो गुरुवार को प्रस्तावित इस बैठक में नये कानून की राह साफ हो सकती है। सरकार की मंशा, उच्च शिक्षा के लिए भी राष्ट्रीय रूपरेखा (फ्रेमवर्क) भी तय करने के लिए कैब सदस्यों की अलग कमेटी बनाने की है। कमेटी बीते दो दशक में विभिन्न देशों में उच्च शिक्षा की राष्ट्रीय रूपरेखा के लिए हुई पहलों का जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय उच्च शिक्षण संस्थान मान्यता नियामक प्राधिकरण बनाने और मान्यता को अनिवार्य बनाने में राज्यों की भूमिका पर विचार भी किया जाना है।


News Source : Jagran (7.11.12)

7 दिसंबर तक जारी करें सहायक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन ः हाईकोर्ट


7 दिसंबर तक जारी करें सहायक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन ः हाईकोर्ट

                                                 
                                                  
इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में टीईटी उत्तीर्ण 72,825 सहायक अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन जारी करने की हाईकोर्ट ने सात दिसंबर की समय सीमा तय कर दी है। न्यायालय ने प्रदेश सरकार को छूट दी है कि इस दौरान यदि वह बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली मेें संशोधन करना चाहते हैं तो कर सकते हैं।
न्यायालय ने प्रदेश सरकार द्वारा नित नए बहाने बनाकर विज्ञापन जारी करने में विलंब करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि शिक्षा के मौलिक अधिकार कानून का पालन करने के लिए आवश्यक है कि विद्यालयों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति बिना देरी किए की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अखिलेश त्रिपाठी और दर्जनों अन्य याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए दिया। प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सीबी यादव ने कोर्ट को अवगत कराया कि केंद्र सरकार ने सहायक अध्यापकों के चयन व नियुक्ति के लिए तय समय सीमा 2014 तक बढ़ा दी है। अब सरकार बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली 1981 में और संशोधन करना चाहती है ताकि छह माह का प्रशिक्षण देने के बजाए सीधे नियुक्ति की जा सके। न्यायालय ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने के लिए आवश्यक है कि योग्य शिक्षकों की भर्ती की जाए। न्यायालय ने बेसिक शिक्षा सचिव को निर्देश दिया है कि वह यदि कोई संशोधन करना चाहते हैं तो उसे करके सात दिसंबर तक विज्ञापन जारी कर दें। उल्लेखनीय है कि सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए मायावती सरकार ने दिसंबर 2011 को विज्ञापन जारी किया था, जिसे इस आधार पर चुनौती दी गई कि विज्ञापन बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया जबकि इसे बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा जारी किया जाना चाहिए था। न्यायालय ने इस पर नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। बाद में सपा सरकार ने पूर्व का विज्ञापन रद करते हुए शीघ्र नया विज्ञापन जारी करने की घोषणा की है। 
Source Amar Ujala
7-11-2012

UPTET - हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सात दिसम्बर तक का दिया समय टीई टी पास अभ्यर्थियों को बड़ी राहत


UPTET - हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सात दिसम्बर तक का दिया समय टीई टी पास अभ्यर्थियों को बड़ी राहत

जारी करें विज्ञापन इलाहाबाद (एसएनबी)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीईटी परीक्षा में चयनित 72 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने का सरकार को सात दिसम्बर तक का समय दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार इस दौरान चाहे तो सम्बन्धित नियमावली में परिवर्तन करे या नियुक्ति का विज्ञापन जारी करे। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने अखिलेश त्रिपाठी व अन्य की याचिका पर दिया है। बसपा सरकार में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करते हुए टीईटी परीक्षा ली गयी थी। इसका परिणाम भी घोषित हुआ। लेकिन भर्ती के लिए बीएसए की तरफ से विज्ञापन जारी न कर बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी कर दिया था। इसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी। कहा गया है कि अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन बीएसए को करना चाहिए था न कि बेसिक शिक्षा परिषद को। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष नवम्बर में बसपा सरकार ने शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया था, लेकिन विज्ञापन में तकनीकी खामियों के चलते टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कोर्ट में गुहार लगाई थी। कोर्ट ने सरकार को विज्ञापन को नये सिरे से जारी करने का निर्देश दिया। नये सिरे से विज्ञापन तत्कालीन बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश चन्द्र कनौजिया ने जारी किया, लेकिन इसी दौरान प्रदेश में चुनाव की तिथियों का एलान हो गया और चुनाव आचार संहिता लागू होने से शिक्षकों की भर्ती खटाई में पड़ गयी। सूबे में राजनीतिक सत्ता में बदलाव आने के बाद सपा शासन काल में विवादित विज्ञापन व नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया। इसी पेंच में 72,800 शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पायी है। सूत्रों का कहना है कि विज्ञापन को नये सिरे से जारी करने के लिए बेसिक शिक्षा की नियमावली 14 में बदलाव किया जाना है। इसके बाद पदों की संख्या बढ़कर एक लाख के पार हो सकती है। नियमावली में इस बदलाव पर कैबिनेट की मंजूरी लेनी पड़ेगी। बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि इसके लिए नियमावली को तैयार कर लिया गया है, लेकिन कैबिनेट नोट का अनुमोदन होना बाकी है। इसके साथ ही शिक्षकों की भर्ती को लेकर विधिक पेंच से निपटने पर भी विचार चल रहा है, ताकि शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ हो सके।

Source - RashtriyaSahara
7-11-2012

Tuesday 6 November 2012

UPTET- NEXT HEARING DATE- 7-12-2012

UPTET- NEXT HEARING DATE-  7-12-2012

Source - ETV UP News

UPTET - CAUSE LIST (ALLAHABAD HIGH COURT)


HIGH COURT OF JUDICATURE AT ALLAHABAD

CAUSE LIST ALLAHABAD


Court No - 38 
Case No - 39674 Akhilesh Tripathi
Position - 35
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35. DF-TU 39674/2012 AKHILESH TRIPATHI & OTHERS      SIDDHARTH KHARE          
                                                       ASHOK KHARE
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH WRIA- 76355/2011 SARASWATI SRIVASTAVA            SAROJ YADAV              
                       Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE  C.S.C.                   
                       -RS                             C.N.TRIPATHI
                                                       R.A.AKHTAR
 WITH WRIA- 76392/2011 SHIVANI
 Decided on 27/09/2012 Vs.THE STATE OF U.P. AND OTHERS
 WITH WRIA- 76595/2011 SABA ANJUM & OTHERS             INDRASEN SINGH TOMAR     
                                                       AMIT KUMAR SRIVASTAVA
                       Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER     C.S.C.                   
                                                       K.S. KUSHWAHA
 WITH WRIA- 1442/2012  VASUDEV CHAURASIA & OTHERS      RAVINDRA PRAKASH SRIV.   
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       AKHILESH KUMAR
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH WRIA- 75392/2011 VIJAY KUMAR TRIPATHI & ANOTHER  AJOY KUMAR BANERJEE      
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       K.A. USMANI
 WITH WRIA- 2614/2012  MAHESH CHANDRA                  BHUPENDRA PAL SINGH      
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       S.S. BHADAURIYA
 WITH WRIA- 2608/2012  MOHD. SADAB                     SYED IRFAN ALI           
                                                       MOHD. NAUSHAD
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       ILLEGIBLE
 WITH WRIA- 6826/2012  VIMLESH KUMAR                   ALOK KUMAR YADAV         
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       R.S. PRASAD
                                                       R.A. AKTAR
 WITH WRIA- 17607/2012 PAWAN KUMAR                     BHAWESH PRATAP SINGH     
                       Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER     C. S. C.                 
 WITH WRIA- 29/2012    SHIV PRAKASH KUSHWAHA           S.K. MISHRA              
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       RAJESHWAR SINGH
                                                       R.A. AKTAR
                                                       K.S.KUSHWAHA
 WITH WRIA- 24062/2012 KAUSHAL KUMAR SHUKLA AND OTHER  SUDEEP DWIVEDI           
                       -S
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH WRIA- 40323/2012 SHIV KUMAR PATHAK  & OTHERS     V.K. SINGH               
                                                       G.K. SINGH
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH WRIA- 41286/2012 SANJAY KUMAR & OTHERS           NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       SHASHI NANDAN
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH WRIA- 43114/2012 RAMA TRIPATHI & OTHERS          SANTOSH KUMAR SRIVASTAVA 
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
 WITH WRIA- 39664/2012 RATNESH KUMAR PAL & OTHERS      ABHISHEK SHUKLA          
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       A.K. YADAV
 WITH WRIA- 76039/2011 YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR
 Decided on 03/09/2012 Vs.STATE OF U.P. & OTHERS
 WITH WRIA- 49827/2012 SATYA DEV GANGWAR AND OTHERS    GOPAL JI RAI             
                                                       P.N.SAXENA
                       Vs. STATE OF U.P.AND ANOTHER    C.S.C.                   
 WITH WRIA- 49509/2012 RAJ PAL SINGH AND OTHERS        MURTUZA ALI              
                       Vs. STATE OF U.P.AND OTHERS     C.S.C.                   
                                                       R.A.AKHTAR
                                                       SHYAM KRISHNA GUPTA
 WITH WRIA- 49105/2012 SANJAY KUMAR AND OTHERS         HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.B. PRADHAN
 WITH WRIA- 49833/2012 ALOK KUMAR SINGH AND OTHERS     H.P.MISHRA               
                       Vs. STATE OF U.P.AND OTHERS     C.S.C.                   
                                                       A.K.YADAV
                                                       B.P.SINGH
                                                       MRIGRAJ SINGH
                                                       S.N.AHMAD
 WITH WRIA- 51404/2012 RAMAGYA YADAV AND ANOTHER       SANJAY KUMAR YADAV       
                       Vs. STATE OF U.P.AND OTHERS     C.S.C.                   
                                                       SANJAY CHATURVEDI
 WITH WRIA- 49587/2012 MAHENDRA KUMAR VERMA AND OTHER  B.R.SHARMA               
                       -S
                       Vs. STATE OF U.P.AND OTHERS     C.S.C.                   
                                                       MOHD. SHERE ALI
 WITH WRIA- 45901/2012 MOHAN PANDEY & OTHERS           ARVIND KUMAR SINGH       
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
 WITH WRIA- 52182/2012 SURESH KUMAR AND ANOTHER        PRABHAT KR SRIVASTAVA    
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C. S. C.                 
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       YATINDRA
 WITH WRIA- 51535/2012 VIJAY KUMAR MAURYA AND ANOTHER  R.P.YADAV                
                       Vs. STATE OF U.P.AND OTHERS     C.S.C.                   
                                                       R.A.AKHTAR
                                                       C.N.TRIPATHI
Posted by Praveen etawah

SHIKSHAMITRA - शिक्षामित्रों के लिए अनिवार्य नहीं होगी टीईटी : वसीम


SHIKSHAMITRA - शिक्षामित्रों के लिए अनिवार्य नहीं होगी टीईटी : वसीम

देवरिया :
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री वसीम अहमद ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों को पूर्ण शिक्षक का दर्जा देगी। शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए सूबे में शीघ्र 73 हजार शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। साथ ही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके शिक्षामित्रों को भी बिना टीईटी अनिवार्य किये ही समायोजित किया जाएगा।
अहमद सोमवार को पीडब्लूडी डाक बंगले में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों के हितों को लेकर गंभीर है। बशर्ते शिक्षक समय से हर रोज स्कूल जाएं और निष्ठापूर्वक शिक्षण कार्य करें। बच्चों के पठन-पाठन में लापरवाही ठीक नहीं है। सपा सरकार चुनाव पूर्व किए अपने वादे रोटी-कपड़ा सस्ती होगी, दवा-पढ़ाई मुफ्ती होगी को लागू कर रही है, ताकि जनता को इसका सीधा लाभ मिले। पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुष्टाहार यदि बेचा जा रहा है तो यह गंभीर मामला है ऐसा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गत दिनों लखनऊ में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया था कि पुष्टाहार बांटने से पूर्व मुनादी कराई जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें। अधिकारियों को प्रत्येक जनपदों में इसके क्रियान्वयन का सख्त निर्देश दिया गया था। जिस जनपद में इसका अनुपालन नहीं हो रहा है वहां के संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी

Source - Jagran
5-11-2012

Friday 2 November 2012

शिक्षकों की भर्ती में सपा को सियासी लाभ की तलाश


शैलेंद्र श्रीवास्तव/लखनऊ 

अखिलेश सरकार प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में शायद सियासी फायदे तलाश रही है। भर्ती से होने वाले नफा-नुकसान को देखा जा रहा है। यह तलाशा जा रहा है कि तुरंत शिक्षकों की भर्ती से क्या फायदा होगा और कुछ माह बाद भर्ती से कितना फायदा होगा। क्योंकि शिक्षकों की भर्ती से भले ही फौरी तौर 
पर 72 हजार 825 युवक और युवतियां लाभाविंत होंगे, लेकिन फायदा लाखों परिवारों को मिलेगा।

जानकार तो यह भी कहते हैं कि शिक्षकों की तुरंत भर्ती से सरकार को कोई फायदा नहीं दिख रहा है। शायद इसीलिए भर्ती प्रक्रिया के लिए बार-बार नियम बदल कर इसे लटकाया जा रहा है। वजह साफ है, क्योंकि वर्ष 2014 में लोकसभा के चुनाव होने हैं और सरकार इसका फायदा जरूर लेना चाहेगी।

शिक्षकों की भर्ती चुनावी दाव
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता स्नातक व दो वर्षीय बीटीसी है, लेकिन यूपी में किसी भी सरकार ने नियमित बीटीसी सत्र चलाने में रुचि नहीं ली। इसके पीछे वजह साफ है। नियमित बीटीसी सत्र न चलने से शिक्षकों की कमी बनी रहेगी और सरकार जब चाहेगी बीएड डिग्रीधारकों को छह माह की विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग देकर शिक्षक बना देगी। जिससे चुनाव में शिक्षक बनाने वालों के साथ उनके परिजन सरकारी पार्टी की ओर रुख करेंगे।

विशिष्ट बीटीसी से वोट बटोरने का काम
यूपी में विशिष्ट बीटीसी की भर्ती सबसे पहले वर्ष 1998 में तत्कालीन कल्याण सरकार ने शुरू की। उस समय 27 हजार विशिष्ट बीटीसी की सीटों के लिए चयन प्रक्रिया आयोजित की गई। इसके बाद बसपा हो या सपा सभी पार्टियों की सरकारों ने विशिष्ट बीटीसी की भर्ती कर वोट बटोरने का काम किया।

चुनाव की वजह से बसपा सरकार ने की थी टालमटोल
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यूपी को 1 जनवरी 2012 तक शिक्षकों की भर्ती की अनुमति दी। इसके लिए जारी नियमावली में व्यवस्था दी गई कि राज्य सरकारें टीईटी पास करने वाले बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक के पद पर सीधे भर्ती कर सकती हैं, लेकिन तत्कालीन बसपा सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए वर्ष 2010 में मिली अनुमति के आधार पर भर्ती तुरंत शुरू न कर नवंबर में 2011 में भर्ती प्रक्रिया शुरू की। तत्कालीन बसपा सरकार के रणनीतिकारों का मानना था कि नवंबर में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से वर्ष 2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिलेगा, लेकिन टीईटी में धांधली की शिकायत के बाद भर्ती प्रक्रिया रुक गई।

शिक्षकों की भर्ती से लोकसभा चुनाव का संबंध
यूपी में सत्ता बदलने के बाद अखिलेश सरकार ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी तो दिखाई, लेकिन धीरे-धीरे इस सरकार ने भी लटकाना शुरू कर दिया। पहले शिक्षकों की सीधी भर्ती के स्थान पर विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से भर्ती का निर्णय किया गया। इसके लिए बार-बार मेरिट की प्रक्रिया बदली गई और अंतत: यह तय किया गया कि पूर्व की भांति प्राइमरी स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षकों की सीधी भर्ती की जाएगी।

विभागीय जानकारों की माने तो इसके लिए अध्यापक सेवा नियमावली में प्रावधान करना होगा। सबसे पहले बेसिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव प्राप्त करना होगा। इसके बाद शासन स्तर पर इसका परीक्षण कर वित्त व न्याय विभाग से मंजूरी लेकर इसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा। इसके बाद शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तय की जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम तीन से चार माह लग जाएंगे और तब तक मार्च 2013 आ जाएगा। मार्च या अप्रैल में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के साथ लोकसभा चुनाव की सरगर्मियां बढ़ जाएंगी और इस स्थिति में सियासी लाभ की संभावना बढ़ जाएगी।






UPTET - विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया 2012 स्थगित


UPTET - विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया 2012 स्थगित
 
 
लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अब सीधी भर्ती की जाएगी। इसलिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया 2012 स्थगित कर दी गई है। अब इसके लिए अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया जाएगा। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद प्राइमरी स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया फिलहाल कुछ माह के लिए लटक सकती है। टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक बनने के लिए अभी कुछ महीने और इंतजार करना पड़ेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने के साथ राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने देश के सभी राज्यों को बीएड डिग्रीधारकों को सहायक अध्यापक पद पर सीधी भर्ती की अनुमति दी थी। इसके लिए शर्त रखी गई कि शिक्षकों की भर्ती 1 जनवरी 2012 तक की जाएगी और इसके लिए टीईटी पास करने वाले ही पात्र होंगे। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए नवंबर 2011 में प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन टीईटी में गड़बड़ी के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। तत्कालीन बसपा सरकार ने शिक्षकों की सीधी भर्ती का निर्णय किया था। पर सत्ता बदलने के बाद अखिलेश सरकार ने शिक्षकों की सीधी भर्ती न कर विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से भर्ती का निर्णय किया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने गुणांक के आधार पर मेरिट बनाते हुए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया का प्रस्ताव भेजा था। शासन में इसको लेकर भ्रम की स्थिति थी कि चयन प्रक्रिया में बीएड के अंकों को जोड़ा जाए या नहीं। बेसिक शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को इसके लिए बैठक बुलाई थी। बैठक में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार के साथ अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। इसमें तय किया गया कि एनसीटीई से मिली विशेष अनुमति के आधार पर शिक्षकों की सीधी भर्ती ही की जाएगी। बेसिक शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया है कि प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक प्रशिक्षु के पद पर भर्ती के लिए अध्यापक सेवा नियमावली के नियम-14 में इसे शामिल करते हुए शीघ्र ही प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए
 
Source - Amar Ujala
2-11-2012

UPTET 2012 -शिक्षक पात्रता परीक्षा अब अगले वर्ष


UPTET 2012 -शिक्षक पात्रता परीक्षा अब अगले वर्ष

लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी में वर्ष 2012 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अब नहीं कराई जाएगी। टीईटी अब नए वर्ष यानी वर्ष 2013 में कराए जाने पर लगभग सहमति बन गई है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से इसके आधार पर ही प्रस्ताव मांगा गया है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षकों भर्ती के लिए टीईटी पास होने वालों को ही पात्र माना है। इसके लिए प्रत्येक वर्ष राज्यों को टीईटी आयोजित करनी है। यूपी में नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित की गई थी
 
Source - Amar Ujala
2-11-2012

UPTET - बेसिक शिक्षा मंत्री की अगुवाई में निर्णय, अब प्राइमरी शिक्षकों की होगी सीधी भर्ती


UPTET - बेसिक शिक्षा मंत्री की अगुवाई में निर्णय, अब प्राइमरी शिक्षकों की होगी सीधी भर्ती

अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की अब सीधी भर्ती की जाएगी इसलिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया 2012 स्थगित कर दी गई है। अब इसके लिए अध्यापक सेवा नियमावली के नियम 14 में शिक्षकों की सीधी भर्ती का प्रावधान किया जाएगा। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया फिलहाल कुछ माह के लिए लटक सकती है।
बैठक में तय किया गया कि विशिष्ट बीटीसी के स्थान पर पहले टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों प्रशिक्षु शिक्षक रखा जाएगा। इसके लिए गुणांक के आधार पर मेरिट का निर्धारण करते हुए प्रशिक्षु शिक्षकों का चयन किया जाएगा। इसमें हाईस्कूल का 10 प्रतिशत, इंटरमीडिएट का 20, स्नातक 40 और बीएड का 30 प्रतिशत अंक जोड़ते हुए मेरिट बनाई जाएगी। चयनित प्रशिक्षु शिक्षकों को बाद में छह माह की विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेंड शिक्षक होने से पहले उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षकों को नियुक्ति देने से पहले अध्यापक सेवा नियमावली के नियम- 14 में इसका प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय से नवंबर में प्रस्ताव प्राप्त कर दिसंबर में ऑनलाइन आवेदन लेने पर सहमति बनी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के साथ राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने देश के सभी राज्यों को बीएड डिग्रीधारकों को सहायक अध्यापक पद पर सीधी भर्ती की अनुमति दी थी। इसके लिए शर्त रखी गई कि शिक्षकों की भर्ती 1 जनवरी 2012 तक की जाएगी और इसके लिए टीईटी पास ही पात्र होंगे। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए नवंबर 2011 में प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन टीईटी में गड़बड़ी के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी
 
Source - Amar Ujala
2-11-2012

UPTET - बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक


UPTET - बीएड डिग्रीधारक बनेंगे प्रशिक्षु शिक्षक

जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे। इससे पहले यह तय हुआ था कि 72,825 पदों पर भर्ती के लिए टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का मेरिट के आधार पर चयन कर पहले उन्हें छह महीने का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाएगी। यह भी तय हुआ था कि चयन की जो मेरिट बनेगी उसमें अभ्यर्थियों द्वारा हाईस्कूल में प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20 व स्नातक के 40 प्रतिशत अंकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, यदि अभ्यर्थी को बीएडके थ्योरी और प्रैक्टिकल में प्रथम श्रेणी प्राप्त हुई है तो उसे प्रत्येक के लिए 12-12, द्वितीय श्रेणी के लिए 6-6 और तृतीय श्रेणी के लिए 3-3 अंक मिलेंगे। मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर सवाल उठाये जा रहे थे। कहा जा रहा था कि श्रेणियों के आधार पर मनमाने तरीके से अंक तय करना उचित नहीं है।
विभाग को शिक्षकों की भर्ती में नयी व्यवस्था लागू करने के बारे में इसलिए सोचना पड़ा क्योंकि एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक नियुक्त करने के लिए 31 मार्च 2014 तक का समय दिया है। यदि अभ्यर्थियों का पहले विशिष्ट बीटीसी ट्रेनिंग के लिए चयन करने के बाद उन्हें नियुक्ति दी जाती तो प्रदेश में एक बैच में अधिकतम 20,000 अभ्यर्थियों को ही ट्रेनिंग देने की क्षमता है। चार बैच को ट्रेनिंग देने में कम से कम दो वर्ष का समय लगता और तब तक स्वीकृत समयसीमा बीत जाती। समय बीतने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाती। दूसरा, जो नयी व्यवस्था सोची गई है, उसमें मेरिट निर्धारण में बीएड के अंकों को लेकर उठायी जा रही आपत्ति भी दूर हो सकेगी।

Source - Jagran
2-11-2012

UPTET - पहले प्रशिक्षु शिक्षक बनाये जाएंगे बीएड डिग्रीधारक - छह महीने की ट्रेनिंग के बाद होगी मौलिक नियुक्ति

UPTET - पहले प्रशिक्षु शिक्षक बनाये जाएंगे बीएड डिग्रीधारक - छह महीने की ट्रेनिंग के बाद होगी मौलिक नियुक्ति -
मेरिट में हाईस्कूल पर्सेंटेज के 10, इंटर के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 फीसदी अंक जुड़ेंगे

- उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में होगा संशोधन जागरण ब्यूरो, लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के संचालित प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 72,825 रिक्त पदों पर अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों को चयन के बाद पहले प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त किया जाएगा। प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में उन्हें 7300 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की मंशा के अनुसार प्रशिक्षु शिक्षक जैसे प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करते जाएंगे, वैसे-वैसे उन्हें स्थायी शिक्षक की मौलिक नियुक्ति दी जाती रहेगी। मौलिक नियुक्ति होने पर उन्हें स्थायी शिक्षक का वेतनमान मिलने लगेगा। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में गुरुवार को विभाग के आला अधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बनी। प्रदेश में पहली बार प्रस्तावित इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में संशोधन करके परिषदीय स्कूलों में प्रशिक्षु शिक्षक नियुक्त करने और ट्रेनिंग के बाद उन्हें मौलिक नियुक्ति देने का प्राविधान जोड़ा जाएगा। यह भी तय हुआ है कि टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों का प्रशिक्षु शिक्षक के तौर पर चयन करने के लिए अभ्यर्थियों के हाईस्कूल के प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20, स्नातक के 40 व बीएड के 30 प्रतिशत अंकों को जोड़कर मेरिट तैयार की जाएगी। इसके आधार पर ही चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग का क्रम तय किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में नवंबर के अंत तक संशोधन किया जाए। फिर दिसंबर से टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे 

Source - Jagran
1-11-2012