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Monday 29 October 2012

UPTET - विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में फिर पेंच

UPTET - विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में फिर पेंच
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों के लिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में मेरिट को लेकर फिर पेंच फंस गया है। नया पेंच बीएड के अंकों को लेकर है। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने पूछा है कि बीएड के अंकों को शामिल किया जाना कहां तक उचित है। शासन ने इसके आधार पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से एक बार फिर सुझाव मांगा है कि विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को जोड़ा जाए या नहीं।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में करीब पौने तीन लाख शिक्षकों की कमी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राज्य सरकार को टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक पद पर रखने की अनुमति दे रखी है। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पहले चरण में 72 हजार 825 सहायक अध्यापक रखे जाने हैं। इसके लिए टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाना है।

इसके लिए एससीईआरटी ने हाईस्कूल के कुल प्रतिशत का 10 अंक, इंटर के कुल प्रतिशत का 20 व स्नातक का 40 अंक और बीएड में प्रथम श्रेणी या उससे ऊपर पर थ्यौरी व प्रैक्टिकल का 12-12 अंक, द्वितीय श्रेणी या इससे ऊपर होने पर 6-6 और तृतीय श्रेणी या उससे ऊपर पर 3-3 अंक जोड़कर मेरिट बनाने का फार्मूला तय किया था। शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों की बैठक में भी इस पर सहमति बन गई थी। इस पर मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री के यहां प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन उन्होंने विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को शामिल करने पर एक बार फिर से परीक्षण कराने का निर्देश दे दिया। इसके आधार पर ही एससीईआरटी से सुझाव मांगा गया है। वहां से सुझाव मिलने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय किया जाएगा। 

देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त


देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त


नई दिल्ली : देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। शिक्षकों की भारी कमी छह से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार कानून में अहम बाधा बनी हुई है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षकों के 50,68,766 मंजूर पद हैं जबकि अभी भी 11,28915 पद खाली हैं। उत्तरप्रदेश में शिक्षकों के 3,09,910 पद, बिहार में 2,60,842 पद, पश्चिम बंगाल में 1,17,442 पद और मध्यप्रदेश में 92,301 पद रिक्त हैं। महाराष्ट्र में शिक्षकों के 32,746 पद, झारखंड में 47,700 पद, राजस्थान में 50 हजार पद और ओडिशा में 31,202 पद रिक्त हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, देश के कुल 10,68,435 स्कूलों में 94.26 प्रतिशत :10,07,104 स्कूलों: में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था है । हालांकि 2,44,249 स्कूलों : 22.88 प्रतिशत: में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) को अधिसूचित कर दिया है । 24 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया जा चुका है, जबकि सभी राज्यों ने आकादमिक प्राधिकार को अधिसूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने एवं शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रयास हो रहे हैं। एक नवंबर को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की बैठक में इस विषय पर राज्यों एवं शिक्षा के अन्य पक्षों के साथ व्यापक चर्चा होगी।

बलात्कारी हरि शंकर के वकील ने अदालत से अभियुक्त के प्रति नरमी बरतने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनका मुवक्किल परिवार के लिए जीविकोपार्जन करने वाला एक मात्र सदस्य है और पत्नी के अलावा उसके दो बच्चे भी हैं। वकील का कहना था कि हरि शंकर का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है और उसके सामने पूरी जिंदगी पड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि अभियुक्त जुलाई, 2011 से ही जेल में हैं। इसलिए उसे जेल में बिताई गयी अवधि के आधार पर ही रिहा कर दिया जाये।

लेकिन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इन दलीलों को दरकिनार करते हुए कहा कि अभियुक्त का अपराध घृणित और बर्बरतापूर्ण है। अभियुक्त ने सभी नैतिक और सामाजिक मूल्यों को तिलांजलि देते हुए अपनी ही शिष्या के साथ कुकर्म करके उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी है। उन्होंने कहा कि अभियुक्त के अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसके साथ किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती। न्यायाधीश ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध और विशेषकर बलात्कार की घटनाएं निरंतर बढ़ रही हैं और सबसे दुखद बात यह है कि ऐसा लगता है कि इसके प्रति समाज चिंतित ही नहीं है और वह महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए जरा भी चिंता नहीं दिखा रहा है
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Source - Zee News
28-10-2012

देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त

देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त







शिक्षा का अधिकार
देश में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद रिक्त (फाइल फोटो)
शिक्षा का अधिकार कानून बेहतर ढ़ंग से कैसे माना जाए जब देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षकों के 11 लाख से अधिक पद खाली हैं. 
शिक्षकों की भारी कमी छह से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार कानून में अहम बाधा बनी हुई है.
   
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ‘देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में शिक्षकों के 50,68,766 मंजूर पद हैं जबकि अभी भी 11,28915 पद खाली हैं.’
   
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के 3,09,910 पद, बिहार में 2,60,842, पश्चिम बंगाल में 1,17,442 और मध्यप्रदेश में 92,301 पद रिक्त हैं.
महाराष्ट्र में शिक्षकों के 32,746 पद, झारखंड में 47,700 पद, राजस्थान में 50 हजार पद और ओडिशा में 31,202 पद रिक्त हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, देश के कुल 10,68,435 स्कूलों में 94.26 प्रतिशत (10,07,104 स्कूलों) में बच्चों के लिए पेयजल की व्यवस्था है. हालांकि 2,44,249 स्कूलों (22.88 प्रतिशत) में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
 

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) को अधिसूचित कर दिया है. 24 

राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन किया जा चुका है, जबकि सभी राज्यों ने आकादमिक प्राधिकार को
अधिसूचित कर दिया है.’
   
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने एवं शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए प्रयास हो रहे हैं. ‘एक नवंबर को केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की
बैठक में इस विषय पर राज्यों एवं शिक्षा के अन्य पक्षों के साथ व्यापक चर्चा होगी.’

अधिकारी ने कहा कि आरटीई की धारा 25 (1) के तहत शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 

आयोजित की है जबकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने तीन बार सीटीईटी परीक्षा ली है.

आरटीई की धारा 23 (2) के तहत, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ, पश्चिम बंगाल और असम को शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा है. 


मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, देश के विभिन्न क्षेत्रों में अभी 8.6 लाख अप्रशिक्षित शिक्षक हैं. इसमें पश्चिम बंगाल में 1.97 लाख, बिहार में 1.86 लाख, उत्तर प्रदेश में 1.43 लाख, झारखंड में 77 हजार, छत्तीसगढ़ में 48 हजार, ओडिशा में 40 हजार, जम्मू कश्मीर में 31 हजार, असम में 16 हजार, मेघालय में 14 हजार, त्रिपुरा में 10 हजार, अरूणाचल प्रदेश में नौ हजार अप्रशिक्षित शिक्षक हैं. 


रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नगालैण्ड, ओडिशा, उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश ने पाठ्यक्रम नवीनीकरण के कार्य को पूरा कर लिया है जबकि आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, त्रिपुरा, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल में अभी प्रक्रिया जारी है.
 


Source - Samay Live
28-10-2012

Sunday 28 October 2012

RTET : अदालत में उलझा टेट परिणाम

RTET : अदालत में उलझा टेट परिणाम 

Grade 3rd Teacher Recruitment Rajasthaan News -

अजमेर। राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) का परिणाम फिलहाल अदालती आदेशों से उलझ गया है। टेट परीक्षा आयोजक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अदालत की अवमानना से बचने के चक्कर में शीध्र परिणाम जारी करने की स्थिति में नहीं है।
टेट 9 सितम्बर को पूरे राज्य में आयोजित की गई थी। इसमें लगभग सवा पांच लाख अभ्यर्थी शामिल हुए।  राज्य सरकार के आदेशों के तहत बोर्ड ने इस परीक्षा में विशेष वर्गों को कट ऑफ मार्क्स में छूट की घोषणा कर रखी है। लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा 55 प्रतिशत से कम अंक लाने वालों को प्रमाण-पत्र नहीं देने के आदेशों से बोर्ड के सामने परेशानियां खड़ी हो गई हैं
डेढ़ माह से लगी उम्मीदें 

परीक्षा हुए डेढ़ माह हो चुका है। कम्प्यूटराइज्ड ओएमआर शीट पर सवालों के जवाब देने की प्रक्रिया के कारण परीक्षा का परिणाम भी शीघ्र आने की संभावना रहती है। इसी कारण परीक्षा दे चुके राज्य के लगभग सवा पांच लाख अभ्यर्थियों को भी उम्मीद थी कि टेट का परिणाम एक माह में आ जाएगा। लेकिन पहले पेपर आउट प्रकरण और उसके बाद अदालती आदेशों के कारण अब परिणाम लंबे समय अटकने की आशंका उत्पन्न हो गई है।
टेट 2011 परिणाम में भी समस्या
अदालत ने शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 का परिणाम भी 55 प्रतिशत कट ऑफ मार्क्स के हिसाब से संशोघित रूप से जारी करने के आदेश दिए है। बोर्ड इस परीक्षा का परिणाम पूर्व में ही जारी कर चुका है एवं इसके आधार पर राज्य के अनेक अभ्यर्थियों को शिक्षक की नौकरी भी मिल चुकी है। पिछले वर्ष के टेट परिणामों पर भी संकट आता देख अब बोर्ड प्रशासन द्वारा 2012 के टेट परिणाम पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही जारी करने की संभावना है।
नहीं पूरी हो पाएगी सरकारी मंशा
 टेट में विशेष वर्गो को कट ऑफ मार्क्स में रियायत देने की सरकारी मंशा अदालत के आदेशों के कारण पूरी नहीं हो पाएगी। बोर्ड प्रशासन भी इस मामले में अंतिम निर्णय होने तक परिणाम जारी करने के मूड में नहीं हैं। हालांकि बोर्ड अघिकारी परिणाम में अदालत के आदेशों की पालना का जिक्र जरूर करते हैं लेकिन विश्ेाष वर्ग को रियायत के मामले में  कोई जोखिम उठाने से बच रहे हैं।
यह है कट ऑफ मार्क्स
सामान्य वर्ग के पुरूष अभ्यर्थी- 60 प्रतिशत
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग- 50 प्रतिशत
सामान्य वर्ग की महिला एवं भूतपूर्व सैनिक- 50 प्रतिशत
अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग की महिला अभ्यर्थी- 45 प्रतिशत
विधवा एवं तलाकशुदा महिला अभ्यर्थी- 45 प्रतिशत
निशक्तजन- 40 प्रतिशत
अघिसूचित क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति अभ्यर्थी- 36 प्रतिशत
इनका कहना है
परिणाम के मामले में अदालत के आदेशों की पूरी तरह पालना होगी। बोर्ड ने अदालत में अपील दायर कर रखी है। लिहाजा अब पूरा मामला अदालत में विचाराधीन है। अंतिम फैसले का इंतजार है।
मिरजूराम शर्मा, सचिव, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्था


News Source : Rajasthanpatrika.com (27.10.2012) / http://www.rajasthanpatrika.com/news/Ajmer/10272012/city-news/387045
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I feel 36%,40%,45% cutoff to qualify TET is facing problem, But in News,It looks Rajasthan Board filed an appeal also and waiting for FINAL decision.
One decision of court affects other decision also and its impact on future TET exam also possible.

देहरादून - टीईटी पास बीटीसी प्रशिक्षितों की राह आसान


देहरादून - टीईटी पास बीटीसी प्रशिक्षितों की राह आसान

जागरण ब्यूरो, देहरादून
सूबे में प्राइमरी शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति में पग-पग पर पेश आ रही बाधाओं से शिक्षा महकमा हलकान है। नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की नियुक्ति पर लगी रोक हटने के मामले में महकमे की नजर हाईकोर्ट के अंतिम आदेश पर टिकी हैं। फिलवक्त उन्हीं बीटीसी प्रशिक्षितों के लिए नियुक्ति के द्वार खुले हैं, जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) भी उत्तीर्ण की है। 
सरकार ने 1147 नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों को टीईटी परीक्षा में शामिल होने से छूट देने का आदेश जारी किया है। वहीं प्राइमरी स्कूलों में रिक्त पदों पर पढ़ा रहे तकरीबन 1300 शिक्षा मित्रों को भी बीटीसी प्रशिक्षण दिलाया गया है। नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की तर्ज पर टीईटी पास करने की बाध्यता खत्म करने को प्रशिक्षित शिक्षा मित्र आंदोलनरत हैं। शिक्षा मित्रों का कहना है कि वह स्कूलों में अध्यापनरत हैं, साथ ही उन्होंने बीटीसी प्रशिक्षण भी लिया है। लिहाजा नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की तर्ज पर उनके लिए भी टीईटी पास करने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए। उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने फिलहाल नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों को नियमित शिक्षकों के रूप में नियुक्ति पर रोक लगा दी है। महकमे की ओर से उक्त मामले में अगली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में पक्ष रखा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक महकमा शिक्षा का अधिकार एक्ट के मुताबिक पात्रता परीक्षा के जरिए बीटीसी प्रशिक्षण के लिए चयनित होने और प्रशिक्षण लेने वालों को प्राइमरी शिक्षकों के तौर पर नियुक्ति का पात्र मान रहा है। शिक्षा मित्रों के मामले में पात्रता परीक्षा से चयन नहीं होने का पेच आड़े आ रहा है। यह मामला अब हाईकोर्ट में पहुंच चुका है, लिहाजा महकमे की निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। संपर्क करने पर शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने कहा कि उक्त मामले में हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद फैसला लिया जाएगा। अलबत्ता, टीईटी उत्तीर्ण करने वाले नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की नियुक्ति में अड़चन नहीं है। निदेशालय से ऐसे प्रशिक्षितों के बारे में जानकारी मांगी गई है। 
इनसेट-
नियमित बीटीसी प्रशिक्षितों की जिलेवार संख्या:
उत्तरकाशी-82, टिहरी-89, पौड़ी-85, चमोली-89, रुद्रप्रयाग-74, देहरादून-91, उधमसिंहनगर-94, हरिद्वार-84, अल्मोड़ा-97, नैनीताल-91, पिथौरागढ़-95और बागेश्वर-89

Source Jagran
28-10-2012

UPTET 2012 - अगले वर्ष होगी अध्यापक पात्रता परीक्षा - 2012

UPTET 2012 - अगले वर्ष होगी अध्यापक पात्रता परीक्षा - 2012
विशिष्ट बीटीसी  पर जोर 
इन दिनों 72825 शिक्षकों की रिक्तियों के लिए विशिष्ट बीटीसी  प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू कराने में व्यस्त है विभाग

अब हाई स्कूल तक मुफ्त शिक्षा की तैयारी शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा बढ़ाने के लिए खाका तैयार


अब हाई स्कूल तक मुफ्त शिक्षा की तैयारी
शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा बढ़ाने के लिए खाका तैयार
सरकार ने आरटीई के तहत जारी किए नए दिशानिर्देश
बृजेश सिंह
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने निशुल्क शिक्षा के अधिकार कानून का दायरा अब दसवीं तक बढ़ाने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद की सब कमेटी ने दसवीं तक बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें सरकार की ओर से कापी-किताब, ड्रेस तथा लड़कियों को साइकिल भी दिए जाने की सिफारिश की है। हाईस्कूल तक आरटीई कानून को लागू करने के लिए अगले पांच सालों में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। सब कमेटी की रिपोर्ट पर पहली नवंबर को केब कमेटी की बैठक में राज्यों के साथ चर्चा के बाद सरकार अगला कदम उठाएगी।
आरटीई एक्ट 2009 के तहत वर्तमान में आठवीं कक्षा तक सरकार ने निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान कर रही है। हाई स्कूल तक आरटीई को लागू करने का फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए वर्ष 2011 में हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
कमेटी ने कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। कमेटी ने 17 साल से कम उम्र के बच्चों को लाभ दिए जाने का प्रस्ताव किया है। एससी एसटी तथा गरीब बच्चों के साथ ही दूरस्थ शिक्षा के मामलों में उम्र के मामले में रियायत देने का भी सुझाव दिया है। योजना के तहत सभी स्कूलों में केवीएस के समान सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है। कमेटी ने कमजोर वर्ग के बच्चों तथा लड़कियों को छात्रवृत्ति दिए जाने का भी सुझाव दिया है।
कमेटी ने कहा है कि राज्यों से हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा खत्म करने के साथ अभिभावकों से नो डिटेंशन पालिसी पर, निजी स्कूलों से गरीब बच्चों को निशुल्क प्रवेश देने तथा स्कूल मैनेजमेंट कमेटी जैसे मुद्दों पर विभिन्न पक्षों से विस्तार से चर्चा होनी चाहिए।
 
गरीब छात्रों से भेदभाव पर दंडित होंगे स्कूल
नई दिल्ली(ब्यूरो)। निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश पाने वाले गरीब बच्चों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव करना अब स्कूल प्रशासन को भारी पड़ेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस बारे में दिशानिर्देश जारी करते हुए सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि इसका उल्लंघन होने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
आरटीई कानून के तहत आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश में 20 फीसदी आरक्षण दिए जाने के बाद कई जगह से ऐसे बच्चों के साथ भेदभाव की शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे बच्चों के लिए कुछ स्कूलों में सामान्य बच्चों से अलग कक्षायें चलाई जा रही हैं। यही नहीं क्लास में भी ऐसे बच्चों के सामाजिक व आर्थिक स्थिति को लेकर कई बार छात्र व शिक्षक कमेंट करते रहते हैं। स्कूल में खेलकूद तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ऐसे बच्चों के साथ भेदभाव की शिकायतें मिली हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आरटीई के तहत गरीब तथा सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग से आने वाले बच्चों के साथ ही अनुसूचित जाति/जनजाति के बच्चों के साथ भेदभाव वाले सभी तरह के व्यवहार को वर्जित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किया है। ऐसे बच्चों के साथ स्कूल में सामान्य बच्चों की ही तरह विभिन्न मामलों में व्यवहार नहीं किए जाने को भेदभाव पूर्ण माना जाएगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी बच्चे द्वारा स्कूल प्रशासन को इस बारे में शिकायत की जाती है तो उसे 60 दिन के अंदर फैसला देना होगा।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस दिशानिर्देश को नेशनल काउंसिल फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) को भी भेजा गया है। शिकायत मिलने पर बाल अधिकारों के हनन कानून के तहत भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। 
 
Source - Amar Ujala
27-10-2012

Saturday 27 October 2012

UPTET - पहले निकलेगा 72825 पदों के लिए विज्ञापन


UPTET - पहले निकलेगा 72825 पदके लिए विज्ञापन


 Source Amar Ujala

CHHATTISGARH TET - टीईटी के प्रमाणपत्रों की छपाई अब तक नहीं


CHHATTISGARH TET - टीईटी के प्रमाणपत्रों की छपाई अब तक नहीं


TAMIL NADU TET - Plea to cancel ‘flawed’ TET re-examination


TAMIL NADU TET - Plea to cancel ‘flawed’ 


TET re-examination




Federation of Diploma in Teacher Education (D T Ed) Unemployed Teachers Association on Thursday demanded cancellation of Teachers’ Eligibility Test (TET) re-examination stating that seven questions out a total of 150 had two or more correct answers.
Secretary of the association S Krishnamurthy said the TET, conducted recently, should not be considered as a basis for recruitment as the seven questions created confusion even among well-prepared candidates. The answer key uploaded on the website clearly reveals the multiplicity of correct solutions, he added.
Krishnamurthy further said the instructions suggested that there was only one correct answer to each of the 150 questions. Giving details, he said three questions in the child development and pedagogy section, one each in Tamil and environment science sections and two in English section had two or more correct answers.
The TET, conducted by the Tamil Nadu Teachers Recruitment Board, is essential for recruitment of teachers in Puducherry and Karaikal.

Source - Indian Express
26-10-2012

BTC - बीटीसी के कई सत्रों की परीक्षाएं 29 से


BTC - बीटीसी के कई सत्रों की परीक्षाएं 29 से

इलाहाबाद (एसएनबी)। बीटीसी के कई सत्रों की परीक्षाएं 29 अक्टूबर से तीन नवम्बर तक जिला मुख्यालय के राजकीय इण्टर कालेजों में चलेंगी। इस दौरान दो सत्रों की परीक्षाएं एक साथ होंगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुश्री भावना शिक्षार्थी ने शुक्रवार को बताया कि बीटीसी के बैच 2004, बैच 2011 व सेवारत बीटीसी मृतक आश्रित परीक्षा 2012 के प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं होंगी। प्रदेश के 70 डायट में करीब 20 हजार परीक्षार्थी हैं। उन्होंने बताया कि बीटीसी 2004, बीटीसी 2010 और बीटीसी 2011 के प्रथम सेमेस्टर के पहले प्रश्नपत्र 29 अक्टूबर को सुबह 10 से 12 बजे तक होगा। द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा 30 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक और तृतीय प्रश्नपत्र की परीक्षाएं उसी दिन दोपहर एक बजे से तीन बजे तक होगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने बताया कि बीटीसी 2004, बीटीसी 2010 और मृतक आश्रित के पहले प्रश्नपत्र की परीक्षा 31 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक, द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा एक नवंबर को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक और तीसरे सेमेस्टर के तीसरे प्रश्नपत्र की परीक्षा उसी दिन दोपहर एक बजे से साढ़े तीन बजे तक होगी। उन्होंने बताया कि बीटीसी 2004 और बीटीसी 2010 के तीसरे सेमेस्टर के पहले प्रश्नपत्र की परीक्षाएं दो नवंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक, द्वितीय प्रश्नपत्र की परीक्षा तीन नवंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक और तृतीय प्रश्नपत्र की परीक्षा उसी दिन तीन नवंबर को दोपहर एक बजे से तीन बजे तक होगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुश्री भावना शिक्षार्थी ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) को बीटीसी परीक्षा का टाइम टेबुल भेज दिया गया है। वह संपर्क करके अपने प्रश्नपत्र के परीक्षा तिथि की जानकारी प्राप्त कर लें जिससे कि उनको किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाये। जिला मुख्यालयों के जीआईसी में होंगी परीक्षाएं छह दिन में संपन्न होंगी दो सत्रों की परीक्षा |

Source - Rashtriya Sahara
27-10-2012

UPTET - यूपी टीईटी की 2013 में होंगी दो परीक्षाएं

UPTET - यूपी टीईटी की 2013 में होंगी दो परीक्षाएं
इलाहाबाद (एसएनबी)। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) की एक नहीं बल्कि दो परीक्षाएं वर्ष 2013 में होंगी। पहली परीक्षा जनवरी-फरवरी में होने की संभावना है जबकि दूसरी नवंबर-दिसम्बर 2013 में होगी। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के 72,000 रिक्त पदों के एवं बीटीसी के शीघ्र आने वाले विज्ञापन की वजह से टीईटी- 2012 का जो विज्ञापन प्रकाशित होने वाला था उसकी तिथि बढ़ गयी है। इसके नवंबर के दूसरे हफ्ते में प्रकाशित होने की संभावना है। उधर, सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी, एलनगंज, इलाहाबाद कार्यालय में परीक्षा की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गयी है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में टीईटी की तैयारियां अब जोर पकड़ने लगी हैं। वह यूपी बोर्ड द्वारा टीईटी परीक्षा कराये जाने के दौरान हुई एक-एक खामियों की तरफ गंभीरता से ध्यान दे रही है। जिससे कि परीक्षा कराने के बाद कोई गड़बड़ी न रह जाये और किरकिरी हो। इसके लिए प्रश्नपत्रों की सहीं सेटिंग और उनके सही उत्तर, गलत नियम कानून को विज्ञापन से हटाना और अन्य प्रमुख सुधार हो रहा है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी टीईटी प्रश्नपत्रों की सेटिंग के लिए शिक्षाविदों से राय एवं उनसे प्रश्नपत्र-उत्तर तैयार करवाने जा रहा है जिससे कि बाद में अभ्यर्थी कोई गड़बड़ी न निकाल सके। इसी गड़बड़ी की वजह से यूपी बोर्ड और शासन की फजीहत हुई थी और उसी में आज भी मामला फंसा हुआ है। इतना ही नहीं अन्य गंभीर खामियों को भी ठीक किया जा रहा है। अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र लेने की बजाय आन लाइन आवेदन पत्र लिये जाने की तैयारियां अन्तिम दौर में चल रही हैं। टीईटी-2012 का विज्ञापन नवम्बर के पहले हफ्ते में होगा जारी


Source - Rashtriya Sahara
27-10-2012

Friday 26 October 2012

स्कूलों की मान्यता के नियम होंगे सरल

स्कूलों की मान्यता के नियम होंगे सरल
हरिशंकर मिश्र, इलाहाबाद माध्यमिक स्कूलों की मान्यता में सरकार अब उदार होने जा रही है। इसके लिए न सिर्फ नियमों को सरल किया जाएगा बल्कि पूरी प्रक्रिया में अफसरों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। इसके लिए शासन ने यूपी बोर्ड के सचिव उपेंद्र कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन भी कर दिया है जिसकी पहली बैठक शुक्रवार को मुख्यालय में होगी। इस बैठक में लिए गए निर्णयों को शासन को संदर्भित किया जाएगा। प्रदेश में वित्त विहीन मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या करीब 15 हजार है जो कि यूपी बोर्ड में लगातार बढ़ रहे छात्रों की संख्या के हिसाब से नाकाफी है। जरूरत के हिसाब से निजी स्कूलों को मान्यता भी नहीं मिल पा रही है। कहीं कड़े नियम आड़े आ रहे हैं तो कहीं इन्हीं नियमों की आड़ में जिला विद्यालय निरीक्षक व संयुक्त शिक्षा निदेशकों द्वारा फाइलें लटका दी जाती हैं। स्थिति यह है कि बोर्ड मुख्यालय में मान्यता समिति की तीन बैठकों में सिर्फ 369 विद्यालयों की मान्यता के लिए ही संस्तुति की जा सकी है। इसे देखते हुए ही सरकार नियमों को और उदार बनाना चाहती है ताकि अधिक से अधिक स्कूलों को मान्यता मिल सके। पिछले दिनों माध्यमिक शिक्षा सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा के निर्देश पर शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव ने इस पर सुझाव देने के लिए कमेटी गठित की थी। इसमें बोर्ड के सचिव समेत अपर सचिव, क्षेत्रीय सचिव के अलावा दो प्रधानाचार्य भी शामिल किए गए हैं। यह कमेटी विद्यालयों के लिए मान्यता की प्रक्रिया की समीक्षा भी करेगी। इसके तहत यह भी तय किया जा सकता है कि आवेदन-पत्र पर जिला विद्यालय निरीक्षक और संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा कितने दिन में फैसला लेना जरूरी होगा। इससे मान्यता के आवेदन पत्रों में बेवजह का विलंब नहीं हो सकेगा। अभी काफी लंबी है प्रक्रिया : वर्तमान समय में स्कूलों की मान्यता के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया काफी लंबी है। आवेदन में अग्निशमन विभाग और नेशनल बिल्ंिडग कोड के तहत जारी किए जाने वाला अनापत्ति प्रमाणपत्र जरूरी है। इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक जांच करके अपनी रिपोर्ट अपर सचिव को भेजता है। वहां से संयुक्त शिक्षा निदेशक के पास रिपोर्ट भेजकर क्रास चेकिंग कराई जाती है। उसकी रिपोर्ट के बाद आवेदन पर मान्यता समिति की बैठक में विचार किया जाता है, जहां से शासन को संस्तुति की जाती है।
Source - Jagran

Saturday 20 October 2012

TEACHERS RECRUITMENT SAMPLE FORM FOR SBTC, BTC AND URDU BTC

TEACHERS RECRUITMENT SAMPLE FORM FOR SBTC, BTC AND URDU BTC






SELECTION PROCESS FOR BASIC TEACHERS (SBTC, BTC, URDU BTC)

FOR ONLINE 


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SELECTION PROCESS


HIGH SCHOOL + INTER + GRADUATION + TRAINING EXAMINATION 
परिशिष्ट में विधमान प्रक्रिया द्वारा 
( TOTAL % FLAT MERIT BUT NOT CONFORM) 


FEE-  500 FOR GEN/OBC AND 200 SC PER DISTRICT
AGE-  21-35 YEARS TILL 1-JULY-2012 FOR SC/OBC 5 YEARS RELAX.


Friday 19 October 2012

बीएड डिग्रीधारियों को सहायक अध्यापक पद पर भर्ती के लिए सरकार कर रही विचार


UPTET - बीएड अभ्यर्थियों की भर्ती पर जवाब तलब
 
बीएड डिग्रीधारियों को सहायक अध्यापक पद पर भर्ती के लिए सरकार कर रही विचार
 
 
 अमर उजाला ब्‍यूरो
इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों की भर्ती प्राथमिक विद्यालयों सहायक अध्यापक पद भर्ती के संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। पूछा है कि क्या सरकार की ओर से बीएड डिग्री धारकों की भर्ती को लेकर कोई छूट दी गई है। याचिका पर अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव को इस संबंध में शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। याची अखिलेश त्रिपाठी और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने यह आदेश दिया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव की ओर से बताया गया कि बीएड डिग्री धारकों को विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देने पर विचार चल रहा है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि केंद्र सरकार ने बीएड डिग्री धारकों को छूट दे दी है इसलिए अब सहायक अध्यापक भर्ती का विज्ञापन निकाला जाना चाहिए। मगर सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि नियुक्तियां पहले की जाएंगी या प्रशिक्षण देने के बाद नियुक्तियां दी जाएंगी। प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया कि एनसीटीई ने अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के तहत सहायक अध्यापकोें की भर्ती करने की समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी है। अब उनसे नियुक्ति प्रक्रिया में ढील देने की मांग की जाएगी
 
Source - Amar Ujala
19-10-2012

UPTET - टीईटी चयनित बीएड की नियुक्ति मामले में हलफनामा तलब

UPTET - टीईटी चयनित बीएड की नियुक्ति मामले में हलफनामा तलब

हाईकोर्ट ने पूछा-केंद्र सरकार ने बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति में ढील दी है या नहीं 6 नवंबर को होगी अगली सुनवाई 





इलाहाबाद (एसएनबी)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने टीईटी चयनित बीएड अभ्यर्थियों को प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में नियुक्ति मामले में बेसिक शिक्षा सचिव उत्तर प्रदेश से हलफनामा मांगा है और पूछा है कि क्या केंद्र सरकार ने बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति में ढील दी है या नहीं। न्यायालय ने याचिका की सुनवाई की अगली तिथि 6 नवम्बर नियत की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने अखिलेश त्रिपाठी व अन्य की याचिका पर दिया है। आज न्यायालय में बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया कि बीएड डिग्री धारकों को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने पर विचार चल रहा है। न्यायालय ने इस आशय के विज्ञापन की तिथि की भी जानकारी मांगी है। याची अधिवक्ता सिद्धार्थ खरे का कहना था कि केंद्रसरकार ने छूट दे दी है अब टीईटी चयनित बीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति का विज्ञापन निकाला जाना चाहिए। किन्तु ऐसा कोई आदेश न्यायालय में पेश नहीं हुआ है। ऐसे में यह स्पष्ट होना चाहिए कि नियुक्ति दी जायेगी अथवा विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने के बाद नियुक्ति दी जायेगी। सरकार का कहना था कि केंद्र सरकार ने अनिवार्य व मुफ्त शिक्षा देने के अधिकार की समय सीमा 31 मार्च 2015 तक बढ़ा दी है। केंद्र सरकार से नियुक्ति प्रक्रिया में ढील देने की अनुमति मांगी गयी है।

हाईकोर्ट ने पूछा-केंद्र सरकार ने बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति में ढील दी है या नहीं 6 नवंबर को होगी अगली सुनवाई


Source - Rashtriya Sahara
19-10-2012

UPTET - टीईटी चयनित बीएड की नियुक्ति मामले में हलफनामा तलब

UPTET - टीईटी चयनित बीएड की नियुक्ति मामले में हलफनामा तलब

हाईकोर्ट ने पूछा-केंद्र सरकार ने बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति में ढील दी है या नहीं 6 नवंबर को होगी अगली सुनवाई 





इलाहाबाद (एसएनबी)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने टीईटी चयनित बीएड अभ्यर्थियों को प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में नियुक्ति मामले में बेसिक शिक्षा सचिव उत्तर प्रदेश से हलफनामा मांगा है और पूछा है कि क्या केंद्र सरकार ने बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति में ढील दी है या नहीं। न्यायालय ने याचिका की सुनवाई की अगली तिथि 6 नवम्बर नियत की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने अखिलेश त्रिपाठी व अन्य की याचिका पर दिया है। आज न्यायालय में बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया कि बीएड डिग्री धारकों को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने पर विचार चल रहा है। न्यायालय ने इस आशय के विज्ञापन की तिथि की भी जानकारी मांगी है। याची अधिवक्ता सिद्धार्थ खरे का कहना था कि केंद्रसरकार ने छूट दे दी है अब टीईटी चयनित बीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति का विज्ञापन निकाला जाना चाहिए। किन्तु ऐसा कोई आदेश न्यायालय में पेश नहीं हुआ है। ऐसे में यह स्पष्ट होना चाहिए कि नियुक्ति दी जायेगी अथवा विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने के बाद नियुक्ति दी जायेगी। सरकार का कहना था कि केंद्र सरकार ने अनिवार्य व मुफ्त शिक्षा देने के अधिकार की समय सीमा 31 मार्च 2015 तक बढ़ा दी है। केंद्र सरकार से नियुक्ति प्रक्रिया में ढील देने की अनुमति मांगी गयी है।

हाईकोर्ट ने पूछा-केंद्र सरकार ने बीएड डिग्री धारकों को नियुक्ति में ढील दी है या नहीं 6 नवंबर को होगी अगली सुनवाई


Source - Rashtriya Sahara
19-10-2012

Extension of Time for Bed Degree Holders in Primary School Till 31 march 2014

Extension of Time for B.Ed. Degree Holders For Selection in Primary School Till  31 march 2014




                                                        news source Hindustan
news source amar ujala meerut, 19-10-2012,,page no 16

UPTET - ALLAHABAD HIGH COURT - बेसिक शिक्षा सचिव से हलफनामा मांगा


UPTET - ALLAHABAD HIGH COURT - बेसिक

 शिक्षा सचिव से हलफनामा मांगा



विधि संवाददाता, इलाहाबाद
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने टीईटी उत्तीर्ण बीएड अभ्यर्थियों को प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त किए जाने के मामले में प्रदेश के बेसिक शिक्षा सचिव को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया हैअदालत ने पूछा है कि केंद्र सरकार ने बीएड डिग्रीधारकों को नियुक्ति में ढील दी है या नहीं। न्यायालय ने याचिका की सुनवाई की अगली तिथि 6 नवम्बर नियत की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन ने अखिलेश त्रिपाठी व अन्य की याचिका पर दिया है। न्यायालय मेंबेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव ने हलफनामा दायर कर बताया कि बीएड डिग्री धारकों को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने पर विचार चल रहा है। न्यायालय ने इस आशय के विज्ञापन की तिथि की भी जानकारी मांगी है।
याची के अधिवक्ता सिद्धार्थ खरे का कहना था कि केंद्र सरकार ने छूट दे दी है। अब टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्री धारकों की नियुक्ति का विज्ञापन निकाला जाना चाहिए। किंतु ऐसा कोई आदेश न्यायालय में पेश नहीं हुआ है। ऐसे में यह स्पष्ट होना चाहिए कि नियुक्ति दी जाएगी अथवा विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देने के बाद नियुक्ति दी जाएगी। सरकार का कहना था कि केंद्र सरकार ने अनिवार्य व मुफ्त शिक्षा देने के अधिकार की समय सीमा 31 मार्च 2015 तक बढ़ा दी है। केंद्र सरकार से नियुक्ति प्रक्रिया में ढील देने की अनुमति मांगी गई है

Source - Jagran
18-10-2012
news source amarujala 19-10-12,, aligarh,, page no. 2

Thursday 18 October 2012

Next Date 6 Nov



महकमा ATALLAHABAD के उच्च न्यायालय

कोर्ट सं - 53
प्रकरण: - रिट - 2012 - 39674 के एक नहीं,
याचिकाकर्ता: - अखिलेश त्रिपाठी और अन्य
प्रतिवादी: उत्तर प्रदेश के राज्य और अन्य
याचिकाकर्ता वकील: सिद्धार्थ खरे, अशोक खरे
प्रतिवादी वकील: - C.S.C., ए.के. यादव
माननीय अरुण टंडन, जे.

प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश के पत्र लखनऊ में सरकार दिनांक 26 जुलाई, 2012 enclos
एड अनुबंध-13 के रूप में वर्तमान रिट याचिका, यह केन्द्र सरकार से किया गया है छूट के मामले में बीएड की नियुक्ति से संबंधित है कि अनुमति का उल्लेख Parishidiya विद्यालय में शिक्षकों को बच्चों की ठीक से कवर करने के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम, 2009 के रूप में योग्य उम्मीदवारों के लिए 31 मार्च, 2015, तक बढ़ाया जा पूछा गया है.
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, वास्तव में ऐसी छूट दी गई है. हालांकि, वहाँ रिकॉर्ड पर कोई आदेश दलील का समर्थन है.
श्री सी.बी. यादव सीखा, AdditionalAdvoc खाया महासचिव एक हलफनामा दायर कर सकते हैं, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश लखनऊ में सरकार कि केन्द्रीय सरकार में तथ्य ऐसी छूट दी गई है या नहीं के रूप में संकेत है.
सचिव, बेसिक शिक्षा बोर्ड, उत्तर प्रदेश द्वारा दायर हलफनामे आज से इलाहाबाद, यह स्पष्ट है कि बी.एड. के विशेष प्रशिक्षण के लिए प्रक्रिया है योग्य उम्मीदवारों को भी करने के लिए निकट भविष्य में किए जा. तारीख, जिस पर विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा, यह भी सचिव द्वारा दायर हलफनामे में संकेत किया.
6 नवंबर, 2012 को जुड़े मामलों के साथ साथ इस मामले की सूची.
(अरुण टंडन, जे)

आदेश दिनांक: 2012/10/18


UPTET


Wednesday 17 October 2012

ALLAHABAD HIGH COURT - NEXT HEARING DATE - 18-10-2012 OF 72825 TEACHERS RECRUITMENT

प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों का मामला

आज आप सभी को भर्ती की अपडेट के लिए  इंतजार करना पड़ा उसके लिए हमें खेद है|

 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियों का मामला - इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नियुक्ति के लिए बीटीसी, टीईटी और बीएड का संयुक्त विज्ञापन निकालने का आदेश दिया| 

Source - India News
******************

इस न्यूज के अनुसार 72825 पदों  (टीईटी + बीएड) का विज्ञापन 20 oct तक आ जायेगा  ।

NEXT DATE OF HEARING IN ALLAHABAD HIGH COURT MAY BE 18th OCT BUT IT IS NOT AUTHENTIC

IBPS - सरकारी बैंकों में नौकरी अब और आसान

IBPS - सरकारी बैंकों में नौकरी अब और आसान



नई दिल्ली (एसएनएन) : बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए दो अच्छी खबरें है. पहली अब सार्वजनिक बैंक में भर्ती के लिए बस एक ऑनलाइन परीक्षा और एक इंटरव्यू पास करना पड़ेगा. दूसरी ये कि जिन छात्रों के बैचलर डिग्री में 60 फीसदी मार्क्स नहीं हैं. वे भी अब बैंक में क्लर्क की नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं.
हालांकि बैंक ने अभी यह नियम जारी रखा है कि अधिकारी रैंक पर भर्ती के लिए एस्पिरेंट को बैचलर लेवल में 60 फीसदी मार्क्स मेंटेन रखना होगा. इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन (आईबीपीएस) की प्रस्तावित नई भर्ती योजना को वित्त मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है. ये नियम देश के सभी सार्वजनिक बैंकों की भर्ती पर लागू होगा.
इसके अलावा नई योजना में प्रतिभागी की आयु 20 से अधिकतम 28 वर्ष तय की गई है. शैक्षणिक योग्यता क्लर्क कैडर के लिए किसी भी विषय में स्नातक या उसके समान और अधिकारी के लिए स्नातक में कम से कम 60 फीसदी अंक निर्धारित की गई है. इस नई योजना से पहले सभी सार्वजनिक बैंकों की भर्ती परीक्षाएं और मानक अलग-अलग थे.
वित्त मंत्रालय के निर्देश के अनुसार अब सभी सार्वजनिक बैंकों के लिए कॉमन इंटरव्यू होगा जिसे आईबीपीएस आयोजित करेगा. 

Source - Shree News
12-10-2012

Tuesday 16 October 2012

CAUSE LIST - ALLAHABAD HIGH COURT - LUCKNOW BENCH

CAUSE LIST - ALLAHABAD HIGH COURT - LUCKNOW BENCH

CASE NO - 5135-2012 ARVIND KUMAR

COURT NO - 6

POSITION- 79th

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  79.  SERS  5135-2012   ARVIND KUMAR SINGH &      GANGA SINGH              
                            -50 ORS.                                                
      BY COURT ORDER        Vs.STATE OF U.P. THROUG   C.S.C.                   
                            -H CHIEF                                                
                                                            AT : 02:00 P.M.     
                         COURT NO.  6
                         HON'BLE MR. JUSTICE  SHABIHUL HASNAIN 

ALLAHABAD HIGH COURT CAUSE LIST

ALLAHABAD HIGH COURT CAUSE LIST

CASE NO - 39674/2012 AKHILESH TRIPATHI

POSITION- 4th

COURT NO - 53

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4. DF-TU 39674/2012 AKHILESH TRIPATHI & OTHERS      SIDDHARTH KHARE          
                                                       ASHOK KHARE
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH WRIA- 76355/2011 SARASWATI SRIVASTAVA            SAROJ YADAV              
                       Vs. THE STATE OF U.P. AND OTHE  C.S.C.                   
                       -RS                             C.N.TRIPATHI
                                                       R.A.AKHTAR
 WITH WRIA- 76392/2011 SHIVANI
 Decided on 27/09/2012 Vs.THE STATE OF U.P. AND OTHERS
 WITH WRIA- 76595/2011 SABA ANJUM & OTHERS             INDRASEN SINGH TOMAR     
                                                       AMIT KUMAR SRIVASTAVA
                       Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER     C.S.C.                   
                                                       K.S. KUSHWAHA
 WITH WRIA- 1442/2012  VASUDEV CHAURASIA & OTHERS      RAVINDRA PRAKASH SRIV.   
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       AKHILESH KUMAR
                                                       R.A. AKHTAR
 WITH WRIA- 75392/2011 VIJAY KUMAR TRIPATHI & ANOTHER  AJOY KUMAR BANERJEE      
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       K.A. USMANI
 WITH WRIA- 2614/2012  MAHESH CHANDRA                  BHUPENDRA PAL SINGH      
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       S.S. BHADAURIYA
 WITH WRIA- 2608/2012  MOHD. SADAB                     SYED IRFAN ALI           
                                                       MOHD. NAUSHAD
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       ILLEGIBLE
 WITH WRIA- 6826/2012  VIMLESH KUMAR                   ALOK KUMAR YADAV         
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       R.S. PRASAD
                                                       R.A. AKTAR
 WITH WRIA- 17607/2012 PAWAN KUMAR                     BHAWESH PRATAP SINGH     
                       Vs. STATE OF U.P. & ANOTHER     C. S. C.                 
 WITH WRIA- 29/2012    SHIV PRAKASH KUSHWAHA           S.K. MISHRA              
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       RAJESHWAR SINGH
                                                       R.A. AKTAR
                                                       K.S.KUSHWAHA
 WITH WRIA- 24062/2012 KAUSHAL KUMAR SHUKLA AND OTHER  SUDEEP DWIVEDI           
                       -S
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
 WITH WRIA- 40323/2012 SHIV KUMAR PATHAK  & OTHERS     V.K. SINGH               
                                                       G.K. SINGH
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH WRIA- 41286/2012 SANJAY KUMAR & OTHERS           NAVIN KUMAR SHARMA       
                                                       SHASHI NANDAN
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       A.K. YADAV
 WITH WRIA- 43114/2012 RAMA TRIPATHI & OTHERS          SANTOSH KUMAR SRIVASTAVA 
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
 WITH WRIA- 39664/2012 RATNESH KUMAR PAL & OTHERS      ABHISHEK SHUKLA          
                       Vs. STATE OF U.P. & OTHERS      C.S.C.                   
                                                       R.A. AKHTAR
                                                       A.K. YADAV
 WITH WRIA- 76039/2011 YADAV KAPILDEV LAL BAHADUR
 Decided on 03/09/2012 Vs.STATE OF U.P. & OTHERS
 WITH WRIA- 49827/2012 SATYA DEV GANGWAR AND OTHERS    GOPAL JI RAI             
                                                       P.N.SAXENA
                       Vs. STATE OF U.P.AND ANOTHER    C.S.C.                   
 WITH WRIA- 49509/2012 RAJ PAL SINGH AND OTHERS        MURTUZA ALI              
                       Vs. STATE OF U.P.AND OTHERS     C.S.C.                   
                                                       R.A.AKHTAR
                                                       SHYAM KRISHNA GUPTA
 WITH WRIA- 49105/2012 SANJAY KUMAR AND OTHERS         HEMANT KUMAR RAI         
                       Vs. STATE OF U.P. AND OTHERS    C.S.C.                   
                                                       R.B. PRADHAN
 WITH WRIA- 49833/2012 ALOK KUMAR SINGH AND OTHERS     H.P.MISHRA               
                       Vs. STATE OF U.P.AND OTHERS     C.S.C.                   
                                                       A.K.YADAV
                                                       B.P.SINGH
                                                       MRIGRAJ SINGH
                                                       S.N.AHMAD
 WITH WRIA- 51404/2012 RAMAGYA YADAV AND ANOTHER       SANJAY KUMAR YADAV       
                       Vs. STATE OF U.P.AND OTHERS     C.S.C.                   
                                                       SANJAY CHATURVEDI
 WITH WRIA- 49587/2012 MAHENDRA KUMAR VERMA AND OTHER  B.R.SHARMA               
                       -S
                       Vs. STATE OF U.P.AND OTHERS     C.S.C.                   
                                                       MOHD. SHERE ALI

Sunday 14 October 2012