UPTET - विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में फिर पेंच
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों के लिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में मेरिट को लेकर फिर पेंच फंस गया है। नया पेंच बीएड के अंकों को लेकर है। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने पूछा है कि बीएड के अंकों को शामिल किया जाना कहां तक उचित है। शासन ने इसके आधार पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से एक बार फिर सुझाव मांगा है कि विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को जोड़ा जाए या नहीं।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में करीब पौने तीन लाख शिक्षकों की कमी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राज्य सरकार को टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक पद पर रखने की अनुमति दे रखी है। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पहले चरण में 72 हजार 825 सहायक अध्यापक रखे जाने हैं। इसके लिए टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाना है।
इसके लिए एससीईआरटी ने हाईस्कूल के कुल प्रतिशत का 10 अंक, इंटर के कुल प्रतिशत का 20 व स्नातक का 40 अंक और बीएड में प्रथम श्रेणी या उससे ऊपर पर थ्यौरी व प्रैक्टिकल का 12-12 अंक, द्वितीय श्रेणी या इससे ऊपर होने पर 6-6 और तृतीय श्रेणी या उससे ऊपर पर 3-3 अंक जोड़कर मेरिट बनाने का फार्मूला तय किया था। शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों की बैठक में भी इस पर सहमति बन गई थी। इस पर मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री के यहां प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन उन्होंने विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को शामिल करने पर एक बार फिर से परीक्षण कराने का निर्देश दे दिया। इसके आधार पर ही एससीईआरटी से सुझाव मांगा गया है। वहां से सुझाव मिलने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय किया जाएगा।
•अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ। टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों के लिए विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया में मेरिट को लेकर फिर पेंच फंस गया है। नया पेंच बीएड के अंकों को लेकर है। बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने पूछा है कि बीएड के अंकों को शामिल किया जाना कहां तक उचित है। शासन ने इसके आधार पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से एक बार फिर सुझाव मांगा है कि विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को जोड़ा जाए या नहीं।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में करीब पौने तीन लाख शिक्षकों की कमी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राज्य सरकार को टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक पद पर रखने की अनुमति दे रखी है। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में पहले चरण में 72 हजार 825 सहायक अध्यापक रखे जाने हैं। इसके लिए टीईटी पास बीएड डिग्रीधारकों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाना है।
इसके लिए एससीईआरटी ने हाईस्कूल के कुल प्रतिशत का 10 अंक, इंटर के कुल प्रतिशत का 20 व स्नातक का 40 अंक और बीएड में प्रथम श्रेणी या उससे ऊपर पर थ्यौरी व प्रैक्टिकल का 12-12 अंक, द्वितीय श्रेणी या इससे ऊपर होने पर 6-6 और तृतीय श्रेणी या उससे ऊपर पर 3-3 अंक जोड़कर मेरिट बनाने का फार्मूला तय किया था। शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों की बैठक में भी इस पर सहमति बन गई थी। इस पर मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री के यहां प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन उन्होंने विशिष्ट बीटीसी चयन प्रक्रिया के लिए बनने वाली मेरिट में बीएड के अंकों को शामिल करने पर एक बार फिर से परीक्षण कराने का निर्देश दे दिया। इसके आधार पर ही एससीईआरटी से सुझाव मांगा गया है। वहां से सुझाव मिलने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय किया जाएगा।