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Wednesday 7 November 2012

UPTET - हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सात दिसम्बर तक का दिया समय टीई टी पास अभ्यर्थियों को बड़ी राहत


UPTET - हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सात दिसम्बर तक का दिया समय टीई टी पास अभ्यर्थियों को बड़ी राहत

जारी करें विज्ञापन इलाहाबाद (एसएनबी)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीईटी परीक्षा में चयनित 72 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने का सरकार को सात दिसम्बर तक का समय दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार इस दौरान चाहे तो सम्बन्धित नियमावली में परिवर्तन करे या नियुक्ति का विज्ञापन जारी करे। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन ने अखिलेश त्रिपाठी व अन्य की याचिका पर दिया है। बसपा सरकार में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करते हुए टीईटी परीक्षा ली गयी थी। इसका परिणाम भी घोषित हुआ। लेकिन भर्ती के लिए बीएसए की तरफ से विज्ञापन जारी न कर बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी कर दिया था। इसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी। कहा गया है कि अध्यापकों की भर्ती का विज्ञापन बीएसए को करना चाहिए था न कि बेसिक शिक्षा परिषद को। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष नवम्बर में बसपा सरकार ने शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया था, लेकिन विज्ञापन में तकनीकी खामियों के चलते टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कोर्ट में गुहार लगाई थी। कोर्ट ने सरकार को विज्ञापन को नये सिरे से जारी करने का निर्देश दिया। नये सिरे से विज्ञापन तत्कालीन बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश चन्द्र कनौजिया ने जारी किया, लेकिन इसी दौरान प्रदेश में चुनाव की तिथियों का एलान हो गया और चुनाव आचार संहिता लागू होने से शिक्षकों की भर्ती खटाई में पड़ गयी। सूबे में राजनीतिक सत्ता में बदलाव आने के बाद सपा शासन काल में विवादित विज्ञापन व नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया। इसी पेंच में 72,800 शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पायी है। सूत्रों का कहना है कि विज्ञापन को नये सिरे से जारी करने के लिए बेसिक शिक्षा की नियमावली 14 में बदलाव किया जाना है। इसके बाद पदों की संख्या बढ़कर एक लाख के पार हो सकती है। नियमावली में इस बदलाव पर कैबिनेट की मंजूरी लेनी पड़ेगी। बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि इसके लिए नियमावली को तैयार कर लिया गया है, लेकिन कैबिनेट नोट का अनुमोदन होना बाकी है। इसके साथ ही शिक्षकों की भर्ती को लेकर विधिक पेंच से निपटने पर भी विचार चल रहा है, ताकि शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ हो सके।

Source - RashtriyaSahara
7-11-2012

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