UPTET - शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बदलाव पर जवाब तलब
लखनऊ (एसएनबी)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में टीईटी के तहत प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किए जाने वाली सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गयी है। इस मामले में दायर याचिका पर पीठ ने राज्य सरकार से जवाब-तलब करते हुए अगली सुनवाई एक अक्टूबर को नियत की है।न्यायमूर्ति अजय लाम्बा की एकल पीठ ने यह आदेश याची अरविन्द कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिका पर दिये हैं। याचिका प्रस्तुत कर कहा गया है कि प्रदेश की पूर्व सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों के बहत्तर हजार पच्चीस पदों की भर्ती के लिए जो प्रक्रिया व मानकअपनाये थे, वर्तमान सरकार ने अधिसूचना जारी कर उसमें बदलाव कर दिया है। कहा गया कि इन पदों के लिए पहले टीईटी, बीएड व बीटीसी अर्हता थी। आरोप लगाया गया है कि वर्तमान सरकार ने इसे बदलकर हाईस्कूल, इण्टर व अन्य शैक्षिक योग्यता के आधार पर चयन का मानक कर दिया। यह भी कहा गया कि पहले कीप्रक्रिया के तहत इन शिक्षकों की भर्तियां शुरू की गयी थीं और चयन का अन्तिम पड़ाव चल रहा था कि इसी बीच नयी सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्रक्रिया व अर्हता में बदलाव कर दिया जो कि नियमों के विपरीत था। यह भी कहा गया कि जब पिछली प्रक्रिया के तहत भर्तियां शुरू हो गयी थीं तो नये तरीके से पुन: भर्ती प्रक्रिया अपनाना संविधान के खिलाफ है। याचिका दायर कर नयी प्रक्रिया अपनाने संबंधी अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गयी है। अगली सुनवाई 1 अक्टूबर कोहोगी।
Source - Rashtriya Sahara
लखनऊ (एसएनबी)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में टीईटी के तहत प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किए जाने वाली सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गयी है। इस मामले में दायर याचिका पर पीठ ने राज्य सरकार से जवाब-तलब करते हुए अगली सुनवाई एक अक्टूबर को नियत की है।न्यायमूर्ति अजय लाम्बा की एकल पीठ ने यह आदेश याची अरविन्द कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिका पर दिये हैं। याचिका प्रस्तुत कर कहा गया है कि प्रदेश की पूर्व सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों के बहत्तर हजार पच्चीस पदों की भर्ती के लिए जो प्रक्रिया व मानकअपनाये थे, वर्तमान सरकार ने अधिसूचना जारी कर उसमें बदलाव कर दिया है। कहा गया कि इन पदों के लिए पहले टीईटी, बीएड व बीटीसी अर्हता थी। आरोप लगाया गया है कि वर्तमान सरकार ने इसे बदलकर हाईस्कूल, इण्टर व अन्य शैक्षिक योग्यता के आधार पर चयन का मानक कर दिया। यह भी कहा गया कि पहले कीप्रक्रिया के तहत इन शिक्षकों की भर्तियां शुरू की गयी थीं और चयन का अन्तिम पड़ाव चल रहा था कि इसी बीच नयी सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्रक्रिया व अर्हता में बदलाव कर दिया जो कि नियमों के विपरीत था। यह भी कहा गया कि जब पिछली प्रक्रिया के तहत भर्तियां शुरू हो गयी थीं तो नये तरीके से पुन: भर्ती प्रक्रिया अपनाना संविधान के खिलाफ है। याचिका दायर कर नयी प्रक्रिया अपनाने संबंधी अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गयी है। अगली सुनवाई 1 अक्टूबर कोहोगी।
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