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Thursday 6 September 2012

UPTET - टीईटी 2012 का जिम्मा सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को

एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव
टीईटी  2012 को अगले छह महीने में आयोजित करने का आदेश दिया 
परीक्षा नवंबर के चौथे या दिसंबर के पहले हफ्ते में कराने की मंशा



जागरण ब्यूरो, लखनऊ : सूबे में अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को आयोजित कराने की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड से छीनकर उसे सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को सौंपने का प्रस्ताव है। इस संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव पर विभाग मुख्यमंत्री की मंजूरी लेगा। 
प्रस्ताव के मुताबिक टीईटी के आयोजन की प्रक्रिया प्रत्येक वर्ष सितंबर में शुरू होगी। परीक्षा का आयोजन नवंबर के चौथे या दिसंबर के पहले हफ्ते में किया जाएगा। परीक्षा परिणाम फरवरी के दूसरे सप्ताह में घोषित होंगे। परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को आयोजक संस्था प्रमाणपत्र देगी जिसकी वैधता पांच साल होगी। परीक्षा में शामिल होने वाले सामान्य और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों से 500 रुपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के अभ्यर्थियों से 250 रुपये परीक्षा शुल्क लेने का प्रस्ताव है। विकलांग अभ्यर्थियों से परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा। परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म बैंक/पोस्ट ऑफिस के जरिये मिलेंगे। 
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए परीक्षाएं एक ही दिन दो अलग पालियों में आयोजित की जाएंगी। टीईटी में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों की शैक्षिक योग्यता और परीक्षा के नियम समय-समय पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा जारी अधिसूचनाओं और दिशानिर्देशों के अनुसार होगी। टीईटी का आयोजन मंडल मुख्यालयों पर होगा। परीक्षा केंद्रों के निर्धारण के लिए मंडल मुख्यालय के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित करने का भी प्रस्ताव है। मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक समिति के सदस्य सचिव, मंडल मुख्यालय के जिला विद्यालय निरीक्षक व डायट प्राचार्य सदस्य और मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक सचिव होंगे। 
पिछले साल 13 नवंबर को प्रदेश में पहली बार टीईटी का आयोजन किया गया था। टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी यूपी बोर्ड को सौंपी गई थी। बाद में टीईटी के परीक्षा परिणाम में धांधली उजागर हुई थी जिसमें लिप्त पाये जाने पर तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन व कुछ अन्य जेल में बंद हैं। टीईटी के सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने भी सिफारिश की थी कि टीईटी के लिए उपयुक्त परीक्षा संस्था के बारे में अलग से विचार कर प्रशासकीय विभाग प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा। टीईटी को पात्रता परीक्षा का दर्जा देने के साथ ही सरकार ने वर्ष 2012 की टीईटी को अगले छह महीने में आयोजित करने का आदेश दिया है।

Source- Jagran
5-9-2012

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