उत्तर प्रदेश सरकार की अनदेखी की वजह से वर्ष 2004 बैच एवं ऊर्दू बीटीसी 2006 बैच के प्रशिक्षित बीटीसी अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। इस सम्बंध में बीटीसी अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के सामने तीन दिवसीय धरना शुरू किया है।
बीटीसी 2004 बैच और ऊर्दू बीटीसी 2006 बैच के अभ्यर्थी 12 अप्रैल से ही विधानसभा के सामने धरना दे रहे हैं। यह धरना 14 अप्रैल तक चलेगा।
उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित बीटीसी संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक प्रभाकर सिंह ने बताया, ''शासन और विभाग के निर्णयों के लम्बित होने के कारण पिछले सात वर्षों से हम अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन हमारी सुनवायी नहीं हो रही है। हम अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इस बार भी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा जाएगा।''
उन्होंने बताया कि 2004 बैच के लगभग 70 फीसदी अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालयों में की जा चुकी है, जबकि करीब 30 फीसदी लोग आज भी अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि हमारी मांग है कि बीटीसी 2004 और विशिष्ट बीटीसी 2007-08 बैच एवं ऊर्दू बीटीसी 2006 के प्रशिक्षितों की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक हटाते हुए उनकी नियुक्ति सुनिश्चित की जाए।
उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित बीटीसी संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक प्रभाकर सिंह ने बताया, ''शासन और विभाग के निर्णयों के लम्बित होने के कारण पिछले सात वर्षों से हम अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन हमारी सुनवायी नहीं हो रही है। हम अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इस बार भी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा जाएगा।''
उन्होंने बताया कि 2004 बैच के लगभग 70 फीसदी अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्राथमिक विद्यालयों में की जा चुकी है, जबकि करीब 30 फीसदी लोग आज भी अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि हमारी मांग है कि बीटीसी 2004 और विशिष्ट बीटीसी 2007-08 बैच एवं ऊर्दू बीटीसी 2006 के प्रशिक्षितों की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक हटाते हुए उनकी नियुक्ति सुनिश्चित की जाए।
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